विकासनगर: कर्मकार कल्याण बोर्ड के साइकिल घोटाले को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने अपनी आवाज बुलंद की है. संगठन ने सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई है. साथ ही कमिश्नरी जांच के आदेश को सराहनीय कदम बताया है, जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा कर्मकार कल्याण बोर्ड के साइकिल घोटाले की जांच के मामले में कमिश्नरी जांच के आदेश दिए हैं, जो कि सराहनीय कदम है. लेकिन यह काफी नहीं है, इसलिए इसकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री और कर्मकार कल्याण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष हरक सिंह रावत की संरक्षण में कर्मकार कल्याण बोर्ड ने लगभग 150 करोड़ रुपये की खरीद की थी, जिसकी खरीद व वितरण के बारे में कुछ अता-पता नहीं है.
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रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि साल 2017 से लेकर साल 2021 तक 81173 लोगों को स्किल करने के नाम पर 33.77 करोड़ रुपए जी एंड जी स्किल डेवलपर्स को भुगतान किए गए. लगभग 100 करोड़ रुपए मूल्य की घटिया साइकिल, वेल्डिंग मशीन, टूल किट, सोलर लालटेन, छाते और अन्य सामान की खरीदारी की गई. उन्होंने कहा कि लगभग 3.25 लाख खाद्यान्न किट, कोरोना के समय लगभग 35 करोड़ रुपए में खरीदी गई थी.
साथ-साथ हरक सिंह रावत द्वारा शंकरपुर सहसपुर में लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का मामला भी बहुत बड़ी जालसाजी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपये अपने मेडिकल कॉलेज और अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बर्बाद कर दिए.
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