विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने और आसन कंजर्वेशन रिजर्व में स्टोन क्रशर के लाइसेंस बांटकर भारत सरकार और उच्च न्यायालय के निर्देशों को तार-तार करने का आरोप लगाया है. इसके अलावा उन्होंने मामले में शीघ्र कार्रवाई करने की मांग उठाई है. उन्होंने कार्रवाई नहीं करने पर न्यायालय में दस्तक देने की चेतावनी भी दी है.
आसन कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र है संवेदनशील: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते आसन कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर ही स्टोन क्रशर के लाइसेंस जारी कर क्रशर स्थापित किए गए हैं. भारत सरकार के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2 (2004 क) के तहत आसन कंजर्वेशन रिजर्व को बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है.
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अधिकारियों पर आम जनता को परेशान करने का आरोप: उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा आसन कंजर्वेशन को संवेदनशील क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर बिना नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति के किसी भी प्रकार के खनन से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाई गई है. ऐसे में अधिकारियों ने भारी भरकम रकम हासिल कर सकारात्मक रिपोर्ट लगा दी है. जिसके तहत सरकार ने 6 से 7 स्टोन क्रशर आवंटित कर दिए. इसके अलावा एमडीडीए से भी अनुमति लेना जरूरी है. इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों पर आमजन की पत्रावलियां और आवेदनों पर कार्रवाई ना कर उसमें जबरन आपत्तियां लगाकर परेशान करने का भी आरोप लगाया है.
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