रुद्रप्रयाग: बड़मा क्षेत्र की ग्राम सभा बष्टा और डोबलिया में भूस्खलन के चलते बस्ती को खतरा उत्पन्न हो गया है. काश्तकारों की सैकड़ों नाली जमीन धंस रही है. इसके बावजूद अभी तक प्रशासन की टीम मौका-मुआयना करने नहीं पहुंची है. जिससे लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.
बड़मा क्षेत्र की दो ग्राम सभाओं की सीमा में स्थित जखन्याल गांव का शिमला तोक खतरे की जद में है. यहां धीरे-धीरे जमीन धंस रही है. जमीन में लंबी-चौड़ी दरारें पड़ गई हैं. किसी जमाने में ग्रामीण यहां खेती करते थे. अब जमीन खेती लायक नहीं रही. यहां रह रहे करीब 35 परिवार भी खतरे की जद में हैं. इसी तरह जमीन धंसती रही तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. जमीन धंसने से विजयनगर-तिमली मोटरमार्ग भी खतरे में है.
ग्राम प्रधान डोबल्या गोविंद लाल, बलवीर करासी, अब्बल सिंह, रघुवीर करासी और संतोष का कहना है कि कई वर्ष पूर्व यहां भूगर्भीय सर्वेक्षण टीम आई थी. उन्होंने भी इस गांव को असुरक्षित माना था और विस्थापन की बात कही थी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से जमीन धंस रही है. लेकिन अब तेजी से जमीन धंस रही है, यही वजह है कि कुछ परिवार अपने घर छोड़कर अन्यत्र शिफ्ट हो गए हैं.
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सामाजिक कार्यकर्ता राजेश बुटोला, प्रेम सिंह बुटोला, दलीप सिंह, सुखदेव, उमेद सिंह, रूपचंद सिंह, वीर सिंह, सत्ये सिंह, कलम सिंह, सुरेंद्र लाल का कहना है कि समय रहते धंस रही जमीन को प्रोटेक्ट किया जाना जरूरी है. इसी तरह जमीन धंसती रही तो गांव और सड़क जमींदोज हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. यहां भूगर्भीय सर्वे किया जाए. जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके. प्रभावितों का कहना है कि जब भी बारिश होती है तो डर लगता है. प्रशासन को हमारी सुध लेनी चाहिए. खतरे की जद में आए परिवारों को विस्थापित किया जाना जरूरी है.
प्रभावितों को जल्द किया जाए विस्थापित- मोहित डिमरी: उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने बड़मा पट्टी के आपदा प्रभावित क्षेत्र जखन्याल गांव का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि यह पूरा क्षेत्र संवेदनशील है. लगातार भूस्खलन से खतरा बढ़ता जा रहा है. इससे पहले कि कोई बड़ा हादसा हो, सुरक्षात्मक उपाय किए जाने बहुत जरूरी हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन की जानकारी दी. उन्होंने जिलाधिकारी से आपदा प्रभावित क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वे करने और भू-धंसाव की रोकथाम की मांग की. उन्होंने कहा कि जिन प्रभावित परिवारों को खतरा बना हुआ है, उन्हें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए.