देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र कल यानी 18 फरवरी से देहरादून में शुरू हो रहा है. बजट सत्र को लेकर सरकार और विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां करीबन पूरी कर ली है. कल सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सूत्रों ने एक बड़ी जानकारी दी है. इस जानकारी हरीश रावत ने खुद सोशल मीडिया पर साझा की. हरीश रावत ने लिखा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नहीं चाहते कि बजट सत्र के दौरान कोई भी गैरसैंण शब्द का उच्चारण करें.
गैरसैंण पर खूब हुई सियासत: उत्तराखंड में गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा हमेशा से ही सियासी चर्चाओं में रहा है. सूबे में बदल-बदल कर कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें आई, लेकिन किसी ने भी गैरसैंण को लेकर अपनापन नहीं दिखाया. गैरसैंण के नाम पर कुछ सत्र जरूर वहां पर आयोजित हुए हैं, लेकिन गैरसैंण को लेकर कोई गंभीर नजर नहीं आया. जब राजधानी बनाने का शोर उठा तो आनन-फानन में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया.
गैरसैंण को राजधानी का मुद्दा उत्तराखंड की जन भावनाओं से जुड़ा है. यही कारण है कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती है तो बीजेपी गैरसैंण को लेकर सरकार पर हमलावर होती दिखाई देती. जब बीजेपी सत्ता में होती है तो वही काम कांग्रेस करती है. इस बार भी बजट सत्र देहरादून में आयोजित हो रहा है. ऐसे में बजट सत्र के बीच गैरसैंण चर्चाओं में आ गया है. वहीं, अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर गैरसैंण और बजट सत्र को लेकर पोस्ट लिखा है, जिससे सियासत गरमा गई है.
दरअसल, पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है, 'सत्ता सूत्रों से एक बड़ी दिलचस्प खबर बाहर आई है. माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने सलाहकारों, सहयोगियों और प्रशासन के उच्च अधिकारियों से कहा है कि किसी भी कीमत पर वर्तमान बजट सत्र में कहीं भी गैरसैंण शब्द का उच्चारण नहीं आना चाहिए. वो शब्द उनके कानों में नहीं पड़ना चाहिए. इसका कारण तो समझ में आता है, लेकिन क्या ऐसा संभव है.'
हरीश रावत ने आगे लिखा है, 'बहुत सारे राजनीतिक दल और बहुत सारी शक्तियां हैं, जो गैरसैंण के प्रति प्रतिबद्ध हैं, गैरसैंण के साथ धोखा हुआ है. ग्रीष्मकालीन राजधानी में ग्रीष्मकालीन सत्र नहीं तो क्या देहरादून की सड़कों पर गैरसैंण शब्द इस बार नहीं गूंजेगा?राजनीतिक विश्लेषकों की गहरी नजर इस संभावना पर बनी रहेगी.'
इसके अलावा हरीश रावत ने लिखा है कि, 'नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य जी से अभी-अभी मेरी भेंट हुई है. स्वभावत: राज्य के ढेर सारे जनवादी मुद्दों के साथ गैरसैंण पर भी चर्चा हुई. इस भेंट के बाद सत्ता सूत्र विधानसभा में गैरसैंण का मुद्दा उठने की संभावनाओं से परेशान हैं.'
उन्होंने आगे लिखा है, 'सूत्रों ने बताया है कि यह सूचना माननीय मुख्यमंत्री जी तक पहुंच गई है. मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा में गैरसैंण शब्द आने की स्थिति में अधिकारियों से कहा है कि विधानसभा में ठंड ज्यादा बढ़ सकती है. सरकार को ठंड न लगे इसलिए पूरे परिसर के AC बंद कर दिए जाएं? हो सकता है बजट प्रस्तुत करते वक्त माननीय वित्त मंत्री कंबल ओढ़े हुए हों?'
हरीश रावत क्यों लिख रहे ऐसा पोस्ट? कांग्रेस नेता हरीश रावत का ये पोस्ट बताता है कि वो सत्र के दौरान गैरसैंण को लेकर कुछ करने की सोच रहे हैं. ताकि, सरकार का ध्यान अपनी और गैरसैंण की तरफ खींचा जाए. इन दिनों हरीश रावत लगातार सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. हाल में ही कई पोस्ट लिखे हैं, जिसमें कई बातों का जिक्र किया.
क्या बोली बीजेपी? उधर, हरीश रावत के इस पोस्ट के बाद बीजेपी प्रवक्ता मनवीर सिंह चौहान का कहना है कि सत्र कहां होगा और कहां नहीं? ये सरकार तय नहीं करती है. ये काम विधानसभा का है. हरीश रावत कुछ न कुछ लगातार लिख रहे है. अच्छा हो कि वे सरकार की ओर से किए जा रहे काम को पॉजिटिव नजरिए से देखें. साथ ही कहा कि आने वाला बजट उत्तराखंड के विकास का बजट होगा.
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