विकासनगर: कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी के भू-स्खलन का लोक निर्माण विभाग ने अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं किया है. स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बता दें कि बरसात के दिन में इस पहाड़ी से भारी मात्रा में भू-स्खलन होता है. जिससे यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का समना करना पड़ता है.
कालसी-चकराता मोटर मार्ग जौनसार बावर की लाइफ लाइन मानी जाती है. इस मार्ग पर सैकड़ों वाहनों का प्रतिदिन आवागमन होता रहता है. लेकिन एक दशक से भी लंबे समय से कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी का भू-स्खलन हर बरसात में मुसीबत का सबब बन जाती है. बरसात में पहाड़ी से लगातार गिरते बोल्डर मार्ग को अवरुद्ध कर देते हैं. जिसमें मार्ग को खोलने में कई-कई घंटे लग जाते हैं. गौर हो कि जौनसार बाबर से नकदी फसलें साहिया मंडी से अन्य मंडियों में सप्लाई की जाती है. लेकिन बरसात में पहाड़ी के भू-स्खलन से मार्ग अवरुद्ध होने से जहां व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है तो वहीं किसानों की फसल भी औने-पौने दाम में बेची जाती है.
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साहिया मंडी के आढ़ती निखिल अग्रवाल ने बताया कि जजरेड पहाड़ी के भूस्खलन के कारण मार्ग बरसात के दिनों में बंद हो जाता है. जिस कारण से मंडी में नकदी फसलों को वाया चकराता होते हुए अन्य मंडियों में पहुंचाना पड़ता है. जिससे आर्थिक नुकसान व्यापारियों के साथ-साथ किसानों को भी उठाना पड़ता है. जजरेड पहाड़ी के स्थाई समाधान के लिए कई बार लोक निर्माण विभाग को मंडी समिति और व्यापार मंडल द्वारा अवगत करवाया गया है. बावजूद इसके कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ. सरकारें जजरेड पहाड़ी के पास पुल निर्माण की बात कहती आई हैं. लेकिन आज तक कोई भी कार्य नहीं हुआ. बरसात के दिनों में ही लोक निर्माण विभाग की नींद खुलती है. कोई स्थाई समाधान नहीं होने से इसका खामियाजा किसानों के साथ ही स्थानीय जनता को भुगतना पड़ता है.