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कोरोना इफेक्ट: उत्तराखंड की जेलों में बंद सैकड़ों कैदियों को मिलेगी पैरोल, हरी झंडी का इंजतार - उत्तराखंड के जेलों में बंद अपराधी

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की कवायद शुरू हो गई है. उत्तराखंड जेल एडीजी पीवीके प्रसाद द्वारा हाईकोर्ट के सुपरविजन में काम करने और राज्य विधिक प्राधिकरण को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है.

dehradun
पी.वी.के प्रसाद
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Published : Aug 5, 2020, 1:08 PM IST

Updated : Aug 5, 2020, 1:40 PM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना से कोई भी वर्ग अछूता नहीं रह गया है. उधम सिंह नगर और देहरादून स्थित जेलों में भी अबतक 100 से ज्यादा कैदियों में कोरोना संक्रमण होने की रिपोर्ट सामने आई है, जिसको देखते हुए प्रदेशभर की जेलों से कैदियों की संख्या कम करने के दृष्टिगत पैरोल पर कैदियों को छोड़ने की कवायद तेज हो गई है.

इसके लिए बकायदा जेल एडीजी पीवीके प्रसाद ने हाईकोर्ट के सुपरविजन में काम करने और राज्य विधिक प्राधिकरण को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है. प्राधिकरण से हरी झंडी मिलते ही राज्य के 10 जिलों में से तकरीबन 1000 मामूली जुर्म में बंद अपराधियों को चिन्हित कर पैरोल और जमानत पर रिहा करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

सरकार सैकड़ों कैदियों को बहुत जल्द पैरोल पर रिहा करेगी.

उत्तराखंड जेल एडीजी पीवीके प्रसाद ने बताया कि राज्य के सभी 10 जेलों में कैदियों को नियमानुसार रखने की क्षमता कुल 3,800 है लेकिन वर्तमान समय में क्षमता से अधिक 5000 से ज्यादा कैदी जेलों में बंद हैं. ऐसे में कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग को बेहतर बनाने को लकेर सभी जेलों में बंद सामान्य किस्म के अपराधियों को पैरोल या जमानत पर छोड़ने की तैयारी चल रही है.

पढ़ें: कोरोना की दहशत: देहरादून जेल से 65 कैदियों को पैरोल पर किया गया रिहा

एडीजी प्रसाद ने आगे बताया कि जेलों में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए क्षमता से अधिक जेलों में बंद कैदियों को कम करने की आवश्यकता है. ऐसे में संगीन कुख्यात अपराधियों को छोड़कर सामान्य किस्म के अपराधियों को छोड़ने के दृष्टिगत हाईकोर्ट के अधीन काम करने वाली राज्य सेवा विधिक प्राधिकरण को पत्र लिखकर इस मामले में अनुमति मांगी गई है. इस मामले में अनुमति मिलते ही लगभग एक हजार कैदियों को चिन्हित कर पैरोल और जमानत पर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना से कोई भी वर्ग अछूता नहीं रह गया है. उधम सिंह नगर और देहरादून स्थित जेलों में भी अबतक 100 से ज्यादा कैदियों में कोरोना संक्रमण होने की रिपोर्ट सामने आई है, जिसको देखते हुए प्रदेशभर की जेलों से कैदियों की संख्या कम करने के दृष्टिगत पैरोल पर कैदियों को छोड़ने की कवायद तेज हो गई है.

इसके लिए बकायदा जेल एडीजी पीवीके प्रसाद ने हाईकोर्ट के सुपरविजन में काम करने और राज्य विधिक प्राधिकरण को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है. प्राधिकरण से हरी झंडी मिलते ही राज्य के 10 जिलों में से तकरीबन 1000 मामूली जुर्म में बंद अपराधियों को चिन्हित कर पैरोल और जमानत पर रिहा करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

सरकार सैकड़ों कैदियों को बहुत जल्द पैरोल पर रिहा करेगी.

उत्तराखंड जेल एडीजी पीवीके प्रसाद ने बताया कि राज्य के सभी 10 जेलों में कैदियों को नियमानुसार रखने की क्षमता कुल 3,800 है लेकिन वर्तमान समय में क्षमता से अधिक 5000 से ज्यादा कैदी जेलों में बंद हैं. ऐसे में कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग को बेहतर बनाने को लकेर सभी जेलों में बंद सामान्य किस्म के अपराधियों को पैरोल या जमानत पर छोड़ने की तैयारी चल रही है.

पढ़ें: कोरोना की दहशत: देहरादून जेल से 65 कैदियों को पैरोल पर किया गया रिहा

एडीजी प्रसाद ने आगे बताया कि जेलों में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए क्षमता से अधिक जेलों में बंद कैदियों को कम करने की आवश्यकता है. ऐसे में संगीन कुख्यात अपराधियों को छोड़कर सामान्य किस्म के अपराधियों को छोड़ने के दृष्टिगत हाईकोर्ट के अधीन काम करने वाली राज्य सेवा विधिक प्राधिकरण को पत्र लिखकर इस मामले में अनुमति मांगी गई है. इस मामले में अनुमति मिलते ही लगभग एक हजार कैदियों को चिन्हित कर पैरोल और जमानत पर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

Last Updated : Aug 5, 2020, 1:40 PM IST
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