देहरादूनः दुनिया भर में ई वेस्ट यानी इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निस्तारण चुनौती बन रहा है. ऐसे में उत्तराखंड में आईटीडीए यानी सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी की ओर से ई वेस्ट पॉलिसी तैयार की जा रही है. पॉलिसी के अनुसार सरकारी कार्यालयों के साथ ई वेस्ट प्रबंधन को लेकर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी, जिसे जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा.
दरअसल, उत्तराखंड में ई वेस्ट पॉलिसी को लेकर तेजी से काम हो रहा है. उत्तराखंड के आईटी विभाग आईटीडीए ने पहले भी ई वेस्ट प्रबंधन को लेकर कई नायाब उदाहरण पेश किए हैं. अब ई वेस्ट और सरकारी विभागों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रबंधन और खरीद को लेकर भी एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने की कवायद की जा रहा है. इसे लेकर उत्तराखंड आईटीडीए ई वेस्ट पॉलिसी बनाने जा रहा है, जिसे जल्द ही मंत्रिमंडल के सामने लाया जाएगा. उत्तराखंड में ई वेस्ट पॉलिसी लागू होने के बाद सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर उपकरणों के इस्तेमाल और खरीद के साथ नीलामी के संबंध में भी विस्तृत कार्य योजना एवं गाइडलाइन जारी की जाएगी.
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आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि एक तरफ आईटीडीए सरकार के सरलीकरण और समाधान पर लगातार काम कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ ई वेस्ट को किस तरह से डिस्पोज किया जाना है, उसके प्रबंधन को लेकर भी आईटीडीए की ओर से ई वेस्ट पॉलिसी तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा कंप्यूटर उपकरणों का उपयोग सरकार की ओर से अलग-अलग विभागों में किया जा रहा है. लिहाजा, सरकार को ई वेस्ट के प्रबंधन को लेकर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है. जिसे देखते हुए आईटीडीए ई वेस्ट पॉलिसी पर काम कर रहा है.
नितिका खंडेलवाल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट पॉलिसी को लेकर भारत सरकार की नीति के तर्ज पर उत्तराखंड भी अपनी नीति बनाने जा रहा है. जिसमें कुछ संशोधनों के साथ इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा. इसके अलावा आईटीडीए एक ई वेस्ट कलेक्शन सेंटर भी स्थापित करने जा रहा है, जहां पर आम नागरिक अपने खराब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जमा करवा सकते हैं.