देहरादून: उधमसिंह नगर के बाजपुर में नाबालिग संग अपहरण और रेप केस में पुलिस मुख्यालय ने सख्त रूख अपनाया है. मामले में कार्रवाई नहीं करने वाले बाजपुर कोतवाली और चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कड़ा एक्शन लिया है. घटना की गंभीरता को देखते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बाजपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर और पुलिस चौकी को निलंबित करते हुए स्थानीय एडिशनल एसपी को विशेष जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
4 बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट तलब
- समय पर अपहरण का मुकदमा ना करना.
- काफी दिनों बाद कम धाराओं में मुकदमा दर्ज करना.
- पीड़ित का समय पर मेडिकल ना कराने से साक्ष्यों का नष्ट होना.
- सकुशल मुक्त कराने के बाद पीड़िता को समय पर परिजनों को नहीं सौंपना.
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डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक, बाजपुर रेप और अपहरण केस में कई तरह की लापरवाही होना अपने आप में बेहद गंभीर मामला है. प्रथम दृष्टया पीड़िता को न्याय ना दिलाने वाले पुलिसकर्मियों की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ हुए जघन्य मामलों को प्राथमिकता के आधार पुलिस वर्कआउट कर रही है.
क्या था मामला
29 अप्रैल को 15 साल की बच्ची बाजपुर के जंगल में लकड़ी लेने गई थी. उसी दौरान किसी ने उसका अपहरण कर रेप की वारदात को अंजाम दिया. पीड़ित परिजनों ने एक व्यक्ति पर अपहरण और रेप करने का आरोप लगाया और बाजपुर पुलिस को इसकी शिकायत दर्ज कराई. लेकिन पुलिस ने मामले को रफा-दफा करते हुए मुकदमा नहीं लिखा. जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने डीजी लॉ एंड ऑर्डर से मुलाकात कर घटना की शिकायत की थी.