देहरादूनः उत्तराखंड में 500 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच तेजी से हो रही है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हुई इस घोटाले की जांच पड़ताल एसआईटी कर रही है. उम्मीद है कि जल्द ही एसआईटी इस मामले में और लोगों पर शिकंजा कस सकती है.
वहीं, एसआईटी की टीम अगले एक से डेढ़ महीने के बीच जांच पूरी कर सकती है. हालांकि, घोटाले बाजों के खिलाफ राज्य के सभी 13 जिलों में कार्रवाई चल रही है. साथ ही आरोपित लोगों की गिरफ्तारियां लंबे समय तक जारी रहने की संभावना है. जांच की कार्रवाई को जल्द समाप्त कर एसआईटी रडार पर चल रहे घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों, समाज कल्याण कर्मचारियों के साथ अन्य आरोपियों पर शिकंजा कसना तेज करेगी.
बता दें वर्ष उत्तराखंड में 2009 से लेकर 2017 तक जिला समाज कल्याण अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश भर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी कॉलेजों में एडमिशन दिखाकर करोड़ों रुपए के सरकारी धन की खूब बंदरबांट हुई. 500 करोड़ से अधिक के इस घोटाले में सरकारी तंत्र से लेकर बाहरी लोग शामिल हैं. मामले की जांच के लिए नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर गठित की गई दो अलग-अलग एसआईटी की टीम राज्य के सभी 13 जिलों में इस घोटाले की जांच कर रही है.
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वहीं, अभी तक इस घोटाले में 90 से अधिक निजी शिक्षण संस्थानों के अलावा समाज कल्याण अधिकारियों व अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि विवेचना के दौरान कई घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों, दलालों व समाज कल्याण संयुक्त निदेशक सहित कई अधिकारियों को भी सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है.
छात्रवृत्ति घोटाले के संबंध में पुलिस मुख्यालय का मानना है कि आने वाले डेढ़ महीने में देहरादून व हरिद्वार के अलावा अन्य 11 जिलों के लिए गठित की गई दोनों ही एसआईटी अपनी जांच को समाप्त कर लेगी. हालांकि, विवेचना का कार्य अभी लंबे समय तक चलने की उम्मीद है, जिसके तहत आने वाले दिनों में घोटालेबाजों की गिरफ्तारियों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है.