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मॉनसून सत्र: पहली बार वर्जुअल जुड़ेंगे सदस्य, नेगेटिव रिपोर्ट दिखाकर ही सदन में होगी एंट्री

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Published : Sep 11, 2020, 8:49 PM IST

कोविड-19 को देखते हुए पहली बार उत्तराखंड विधानसभा सत्र के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. जिसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने ईटीवी भारत के साथ साझा की.

Assembly Speaker Prem Chand Agrawal
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल

देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा सत्र की तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं. राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सत्र का आयोजन इस बार खासा चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है. कोविड-19 के चलते इस बार कई ऐसे नए नियम होंगे, जो सदन के अंदर पहली बार दिखाई देंगे.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से खास बातचीत.

ईटीवी भारत ने उत्तराखंड के आगामी विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से खास बातचीत की. इसी के साथ सत्र की तैयारी और नए नियमों के बारे में भी जानकारी ली. इस दौरान अध्यक्ष अग्रवाल ने बताया कि दो दिवसीय सत्र 23 सितंबर से शुरू होगा. कोविड-19 को देखते हुए इस बार सत्र के दौरान नियमों में कुछ बदलाव किया गया है.

पढ़ें- अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन के लिए 115 करोड़ रुपए जारी

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में कुल 70 विधायक हैं लेकिन कोविड-19 को लेकर जो नियम हैं उसके अनुसार विधायकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और ऐसे हालात में फिलहाल सदन के अंदर महज 47 विधायक ही बैठ सकते हैं. ऐसे में विधायकों से दरख्वास्त की गई है कि वह वर्चुअल जुड़कर सदन का हिस्सा बनें. वर्चुअल जुड़ने वाले विधायकों को भी सदन में उपस्थित माना जाएगा. जो विधायक वर्चुअल अपने विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा की कार्यवाही से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें उनके जिला हेडक्वार्टर में एनआईसी के माध्यम से भी व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी.

सत्र के दौरान खास बात यह है कि जो भी विधायक सदन में आएगा उसे अपनी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी. ऐसा न करने वाले विधायकों को पहले अपना टेस्ट करवाना होगा और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें सदन में बैठने की इजाजत दी जाएगी.

पूर्व विधायकों को भी परिसर में आने से बचने का अनुरोध किया गया है. सत्र के दौरान अधिकारियों को विधानसभा परिसर में अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जहां स्क्रीन के माध्यम से सत्र का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा.

पढ़ें-देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत दोबारा अस्पताल में हुए भर्ती

विधानसभा के अधिकारियों और कर्मचारियों का भी रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया जाएगा. साथ ही प्रवेश द्वार पर सभी आने वालों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. सत्र के दौरान मुख्य द्वार से ही सदन तक सभी को सैनिटाइज किया जाएगा. इसके अलावा सदन के भीतर हर एक विधायक के बीच में ग्लास भी लगाया जाएगा, जिससे संक्रमण के खतरे को बेहद कम किया जा सके.

इसके साथ ही कोविड-19 के मद्देनजर इस बार मॉनसून सत्र के दौरान पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा व अधिकारी दीर्घा में किसी व्यक्ति को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा. सत्र के दौरान गैर सरकारी व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा सत्र की तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं. राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सत्र का आयोजन इस बार खासा चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है. कोविड-19 के चलते इस बार कई ऐसे नए नियम होंगे, जो सदन के अंदर पहली बार दिखाई देंगे.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से खास बातचीत.

ईटीवी भारत ने उत्तराखंड के आगामी विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से खास बातचीत की. इसी के साथ सत्र की तैयारी और नए नियमों के बारे में भी जानकारी ली. इस दौरान अध्यक्ष अग्रवाल ने बताया कि दो दिवसीय सत्र 23 सितंबर से शुरू होगा. कोविड-19 को देखते हुए इस बार सत्र के दौरान नियमों में कुछ बदलाव किया गया है.

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बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में कुल 70 विधायक हैं लेकिन कोविड-19 को लेकर जो नियम हैं उसके अनुसार विधायकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और ऐसे हालात में फिलहाल सदन के अंदर महज 47 विधायक ही बैठ सकते हैं. ऐसे में विधायकों से दरख्वास्त की गई है कि वह वर्चुअल जुड़कर सदन का हिस्सा बनें. वर्चुअल जुड़ने वाले विधायकों को भी सदन में उपस्थित माना जाएगा. जो विधायक वर्चुअल अपने विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा की कार्यवाही से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें उनके जिला हेडक्वार्टर में एनआईसी के माध्यम से भी व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी.

सत्र के दौरान खास बात यह है कि जो भी विधायक सदन में आएगा उसे अपनी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी. ऐसा न करने वाले विधायकों को पहले अपना टेस्ट करवाना होगा और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें सदन में बैठने की इजाजत दी जाएगी.

पूर्व विधायकों को भी परिसर में आने से बचने का अनुरोध किया गया है. सत्र के दौरान अधिकारियों को विधानसभा परिसर में अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जहां स्क्रीन के माध्यम से सत्र का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा.

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विधानसभा के अधिकारियों और कर्मचारियों का भी रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया जाएगा. साथ ही प्रवेश द्वार पर सभी आने वालों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. सत्र के दौरान मुख्य द्वार से ही सदन तक सभी को सैनिटाइज किया जाएगा. इसके अलावा सदन के भीतर हर एक विधायक के बीच में ग्लास भी लगाया जाएगा, जिससे संक्रमण के खतरे को बेहद कम किया जा सके.

इसके साथ ही कोविड-19 के मद्देनजर इस बार मॉनसून सत्र के दौरान पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा व अधिकारी दीर्घा में किसी व्यक्ति को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा. सत्र के दौरान गैर सरकारी व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

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