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पिता का सपना पूरा करना चाहती है शहीद मोहनलाल की बेटी, 12वीं परीक्षा में हासिल की फर्स्ट डिविजन

शहीद मोहनलाल की बेटी गंगा ने 12वीं की CBSE परीक्षा में फर्स्ट डिविजन हासिल की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके पापा के सपनों को पूरा करना ही उनकी प्राथमिकता है.

शहीद मोहनलाल की बेटी गंगा.
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Published : May 5, 2019, 6:33 PM IST

Updated : May 5, 2019, 8:38 PM IST

देहरादून: एक तरफ 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव तो वहीं, दूसरी तरफ पिता के अचानक शहीद हो जाने का सदमा. ये दास्तां है जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए एएसआई शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा की. 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा में गंगा ने 68.08 फीसदी अंक हासिल किये हैं.

शहीद मोहनलाल की बेटी से बातचीत.

दरअसल, 14 फरवरी के दिन जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया. तब देहरादून स्थित अपने घर पर शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा मार्च माह से शुरू होने जा रही 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां कर रही थी, लेकिन मासूम गंगा को क्या पता था कि 14 फरवरी का दिन उसके पिता के शहीद होने का संदेश लेकर आएगा.

पढ़ें- चारधाम यात्रा तैयारियों के दावों की पोल खोल रहे अधूरे कार्य, विद्युत केबल नहीं हुए अंडरग्राउंड

12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर गंगा ने CBSE बोर्ड परीक्षा में 68.08 % अंक हासिल किये है. गंगा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पिता के शहीद होने की खबर ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को अंदर तक तोड़ दिया था. लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी. गंगा बताती है कि अचानक पिता का साया ऊपर से उठ जाना उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं था. गंगा का कहना है कि इस हादसे के बाद वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी, उनकी जिंदगी में ये कुछ नहीं हुआ होता तो वह 12वीं की बोर्ड परीक्षा और भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होती.

बता दें कि गंगा के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे और गंगा भी अपने पिता का सपने को पूरा करना चाहती है. गंगा बताती हैं कि उनके पिता शहीद मोहनलाल रतूड़ी की दिले ख्वाहिश थी कि उनकी बेटी डॉक्टर बने. ऐसे में गंगा अब आगे मेडिकल एग्जाम की तैयारी करना चाहती है. हालांकि, गंगा म्यूजिक का भी शौक रखती है लेकिन, उसकी प्राथमिकता में अपने पिता के सपने को पूरा करना है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा: हैदराबाद के 24 यात्रियों का पहला जत्था ऋषिकेश से रवाना

बहरहाल, किसी की भी जिंदगी में अपने माता-पिता को खोने से बड़ा कोई दु:ख नहीं हो सकता. शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा के चेहरे पर भी आज हमें यही दु:ख देखने को मिला. हालांकि, पिता को खोने के सदमे के बीच भी गंगा 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटी रही. लेकिन परीक्षा में 68.08% अंक हासिल करने के बावजूद गंगा के चेहरे पर वो खुशी नजर नहीं आई. आज भी गंगा को आतंकी हमले में अपने पिता को खोने का गम सालता रहता है.

देहरादून: एक तरफ 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव तो वहीं, दूसरी तरफ पिता के अचानक शहीद हो जाने का सदमा. ये दास्तां है जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए एएसआई शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा की. 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा में गंगा ने 68.08 फीसदी अंक हासिल किये हैं.

शहीद मोहनलाल की बेटी से बातचीत.

दरअसल, 14 फरवरी के दिन जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया. तब देहरादून स्थित अपने घर पर शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा मार्च माह से शुरू होने जा रही 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां कर रही थी, लेकिन मासूम गंगा को क्या पता था कि 14 फरवरी का दिन उसके पिता के शहीद होने का संदेश लेकर आएगा.

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12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर गंगा ने CBSE बोर्ड परीक्षा में 68.08 % अंक हासिल किये है. गंगा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पिता के शहीद होने की खबर ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को अंदर तक तोड़ दिया था. लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी. गंगा बताती है कि अचानक पिता का साया ऊपर से उठ जाना उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं था. गंगा का कहना है कि इस हादसे के बाद वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी, उनकी जिंदगी में ये कुछ नहीं हुआ होता तो वह 12वीं की बोर्ड परीक्षा और भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होती.

बता दें कि गंगा के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे और गंगा भी अपने पिता का सपने को पूरा करना चाहती है. गंगा बताती हैं कि उनके पिता शहीद मोहनलाल रतूड़ी की दिले ख्वाहिश थी कि उनकी बेटी डॉक्टर बने. ऐसे में गंगा अब आगे मेडिकल एग्जाम की तैयारी करना चाहती है. हालांकि, गंगा म्यूजिक का भी शौक रखती है लेकिन, उसकी प्राथमिकता में अपने पिता के सपने को पूरा करना है.

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बहरहाल, किसी की भी जिंदगी में अपने माता-पिता को खोने से बड़ा कोई दु:ख नहीं हो सकता. शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा के चेहरे पर भी आज हमें यही दु:ख देखने को मिला. हालांकि, पिता को खोने के सदमे के बीच भी गंगा 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटी रही. लेकिन परीक्षा में 68.08% अंक हासिल करने के बावजूद गंगा के चेहरे पर वो खुशी नजर नहीं आई. आज भी गंगा को आतंकी हमले में अपने पिता को खोने का गम सालता रहता है.

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File Name- Shahid Daughter Ganga

देहरादून- एक तरफ 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव तो वहीं दूसरी तरफ पिता के अचानक ही शहीद हो जाने का सदमा । यह दास्तां है जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा की ।

बता दें कि 14 फरवरी के दिन जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर अचानक ही आतंकियों ने हमला कर दिया तब देहरादून स्थित अपने घर पर शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा मार्च माह से शुरू होने जा रहे 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां कर रही थी । लेकिन मासूम गंगा को क्या पता था कि 14 फरवरी का ये दिन आतंकी हमले में पिता मोहनलाल रतूड़ी के शहीद होने का संदेश लेकर आएगा।

12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर 68.08 % अंक हासिल करने वाली गंगा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पिता के शहीद होने की खबर ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को अंदर तक तोड़ दिया था । लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी । गंगा बताती हैं कि पिता के अचानक ही चले जाने का यह संदेश उनके पूरे परिवार के लिए किसी बढ़े सदमे से कम नहीं था। यदि यह हादसा उनकी जिंदगी में नहीं हुआ होता तो उन्होंने और बेहतर अंकों से 12वी की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की होती ।




Body:बता दें कि अब आगे गंगा पिता के उन्हें डॉक्टर बनाने के सपने को पूरा करना चाहती हैं । गंगा बताती हैं कि उनके पिता शहीद मोहनलाल रतूड़ी हमेशा चाहते थे कि उनकी बेटी डॉक्टर बने। ऐसे में अब आगे वह मेडिकल एग्जाम की तैयारी करेंगी । हालांकि गंगा म्यूजिक का भी शौक रखती हैं लेकिन अब वह म्यूजिक पर ज्यादा ध्यान न देकर अपने पिता के सपने को पूरा करने पर ध्यान देंगी ।


Conclusion:बहरहाल किसी भी व्यक्ति के लिए अपने माता-पिता को खोने से बड़ा दुख कोई नहीं हो सकता । शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा के चेहरे पर भी आज हमें यही दुख देखने को मिला। हालांकि पिता को खोने के सदमे के बीच भी गंगा 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटी रही । लेकिन आज परीक्षा में 68.08% अंक से उत्तीर्ण होने के बावजूद हमे गंगा के चेहरे पर वो खुशी नजर नहीं आई । बल्कि गंगा के मासूम चेहरे पर अगर हमें कुछ नज़र आया तो वह सिर्फ मायूसी थी अपने पिता शहीद मोहनलाल रतूड़ी को आतंकी हमले में खोने की।
Last Updated : May 5, 2019, 8:38 PM IST

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