देहरादून: आज विश्व भर में दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को सशक्त कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है. मगर बड़ा सवाल यह है कि क्या वास्तव में आज हमारे देश के दिव्यांगजन सशक्त और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके हैं ? तो शायद इसका जवाब ना होगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड के ऋषिकेश की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी नीरजा गोयल ने देश के दिव्यांग खिलाड़ियों के दर्द को बखूबी बयां किया.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए नीरजा ने बताया कि भारत में आज भी दिव्यांग खिलाड़ियों को अपने प्रशिक्षण लेने के लिए खुद ही व्यवस्थाएं करनी होती हैं. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की ओर से दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है. इसके तहत न ही दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए कोई अलग से कोच की व्यवस्था है और न ही दिव्यांगों को किसी तरह की कोई आर्थिक मदद दी जाती है. यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय लेवल पर अक्सर भारत के दिव्यांग खिलाड़ी पिछड़ जाते हैं.
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ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाते हुए नीरजा कहती हैं कि सरकार को दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए अलग से कोई व्यवस्था करनी चाहिए. इसके साथ ही खिलाड़ियों को आर्थिक मदद के साथ ही अन्य जरूरत की चीजें भी मुहैया कराई जानी चाहिए. जिससे कि दिव्यांग खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें.