देहरादून: अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेदिक शोध संस्थान को स्थापित करने के लिए आयुष विभाग ने प्रयास तेज कर दिए हैं. आयुष के क्षेत्र में शोध को लेकर राज्य सरकार का यह बड़ा प्रयास है, जिसके लिए संस्थान में वैज्ञानिकों की नियुक्ति से लेकर भवन निर्माण तक के कामों पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.
उत्तराखंड सरकार चरक डांडा में अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेदिक शोध संस्थान को स्थापित करने जा रही है. आयुर्वेदिक शोध के क्षेत्र में यह संस्थान प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में अहम भूमिका निभाएगा. बता दें कि, कोटद्वार स्थित महर्षि चरक की जन्म भूमि चरक डांडा में इस संस्थान को स्थापित किया जाना है, जिसके लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.
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शोध संस्थान के लिए पांच वैज्ञानिकों के पदों की स्वीकृति भी हो चुकी है. ऐसे में आयुर्वेद क्षेत्र में शोध हो सकेगा. खास बात यह है कि इस संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा. जिसमें जड़ी बूटियों पर शोध किया जाएगा. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत की मानें तो संस्थान के लिए 1200 नाली भूमि की व्यवस्था की जा चुकी है. साथ ही 50 लाख का बजट भी विभाग के पास मौजूद है. फिलहाल, विश्वविद्यालय से संस्थान को लेकर प्रस्ताव मांगा गया है, जबकि भवन निर्माण होने तक कोटद्वार आयुष कॉलेज में ही शोध का काम किया जाएगा.