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देहरादूनः घायल बच्ची ने तोड़ा दम, परिजनों ने बेहतर इलाज न मिलने का लगाया आरोप

भगत सिंह कॉलोनी में बीते 9 अप्रैल खेलते समय घायल हुई 6 साल की बच्ची ने दून अस्पताल में दम तोड़ दिया है. मामले में परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

भगत सिंह कॉलोनी
कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Apr 16, 2020, 11:54 AM IST

देहरादूनः कोरोना संक्रमण के चलते देहरादून के भगत सिंह कॉलोनी को सील किया गया है. जहां पर एक बच्ची की चोट लगने के बाद मौत हो गई है. जिस पर बच्ची के परिजनों ने सील के चलते बेहतर इलाज नहीं मिलने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

बता दें कि, भगत सिंह कॉलोनी में 5 जमातियों में कोरोना वायरस पाए जाने के बाद इस इलाके को पूरी तरह से सील किया गया है. जिससे कॉलोनी में तकरीबन 12 हजार लोग पूरी तरह बंद हैं. ऐसे में शासन ने कॉलोनी के भीतर ही वैकल्पिक व्यवस्था की है. इसी बीच बीते 9 अप्रैल को सलीम की 6 साल की बेटी अक्शा खेलते समय स्टूल से गिर गई थी, जिससे वो घायल हो गई.

सलीम ने आरोप लगाया है कि कॉलोनी के भीतर मैजूद स्वास्थ्य विभाग ने डिस्पेंसरी बनाई है, लेकिन उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पाया. कॉलोनी सील होने के चलते सलीम अपनी बेटी अक्शा को बाहर नहीं ले जा पाए. बुधवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे दून अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन में दूनवासियों को नहीं मिलेगी राहत, जानिए वजह

वहीं, पुलिस का कहना है कि कॉलोनी सील होने की वजह से किसी को भी बाहर आने जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन कॉलोनी में सामने आने वाली इस तरह की समस्याओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है. साथ ही अस्थायी डिस्पेंसरी भी बनाई गई है.

जहां अक्शा को दिखाया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर एम्बुलेंस के माध्यम से कॉलोनी से बाहर दून अस्पताल भेजा गया. वहीं, सीईओ नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी को इस मामले की जांच सौंपी गई है.

देहरादूनः कोरोना संक्रमण के चलते देहरादून के भगत सिंह कॉलोनी को सील किया गया है. जहां पर एक बच्ची की चोट लगने के बाद मौत हो गई है. जिस पर बच्ची के परिजनों ने सील के चलते बेहतर इलाज नहीं मिलने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

बता दें कि, भगत सिंह कॉलोनी में 5 जमातियों में कोरोना वायरस पाए जाने के बाद इस इलाके को पूरी तरह से सील किया गया है. जिससे कॉलोनी में तकरीबन 12 हजार लोग पूरी तरह बंद हैं. ऐसे में शासन ने कॉलोनी के भीतर ही वैकल्पिक व्यवस्था की है. इसी बीच बीते 9 अप्रैल को सलीम की 6 साल की बेटी अक्शा खेलते समय स्टूल से गिर गई थी, जिससे वो घायल हो गई.

सलीम ने आरोप लगाया है कि कॉलोनी के भीतर मैजूद स्वास्थ्य विभाग ने डिस्पेंसरी बनाई है, लेकिन उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पाया. कॉलोनी सील होने के चलते सलीम अपनी बेटी अक्शा को बाहर नहीं ले जा पाए. बुधवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे दून अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.

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वहीं, पुलिस का कहना है कि कॉलोनी सील होने की वजह से किसी को भी बाहर आने जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन कॉलोनी में सामने आने वाली इस तरह की समस्याओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है. साथ ही अस्थायी डिस्पेंसरी भी बनाई गई है.

जहां अक्शा को दिखाया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर एम्बुलेंस के माध्यम से कॉलोनी से बाहर दून अस्पताल भेजा गया. वहीं, सीईओ नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी को इस मामले की जांच सौंपी गई है.

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