देहरादून: सामान्य रेस्टोरेंट की तुलना में लोगों को सस्ता भोजन मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से राजधानी देहरादून में इंदिरा अम्मा कैंटीन शुरू की गई थी, लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लगाए गए लॉकडाउन से इंदिरा अम्मा कैंटीन की कमर पूरी तरह टूट चुकी थी. इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालकों को पिछले साल मार्च माह से अब तक सब्सिडी नहीं दी गई है, जिसकी वजह से इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालकों को कैंटीन के संचालन में खासी दिक्कतें पेश आ रही है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सर्वे चौक स्थित इंदिरा अम्मा कैंटीन की संचालक फरज़ाना ने बताया कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते 23 मार्च से प्रदेश में जारी पूर्ण लॉकडाउन के चलते अब तक कैंटीन संचालकों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की सब्सिडी का पैसा नहीं मिल पाया है. ऐसे में सभी इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालकों के लिए कैंटीन का संचालन करना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है. शहर के सभी इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालक चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द सब्सिडी का पैसा रिलीज करें. साथ ही कैंटीन में मिलने वाली भोजन की एक थाली जो 20 रुपए मिलती है, उसके दाम भी बढ़ाकर सरकार 30 से 40 रुपए प्रति थाली किए जाए. जिससे लॉकडाउन में हुए भारी आर्थिक नुकसान से उभरने में इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालकों को मदद मिल सके.
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इंदिरा अम्मा कैंटीन के पिछले एक साल से लंबित चल रही सब्सिडी के विषय में जब ईटीवी भारत में मुख्य विकास अधिकारी देहरादून निकिता खंडेलवाल से बात कि उन्होंने कहा कि इंदिरा अम्मा कैंटीन के बेहतर संचालन के लिए जल्द ही सब्सिडी का पैसा 31 मार्च या फिर अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक रिलीज कर दिया जाएगा. इस बार करीब 7.50 लाख का बजट इंदिरा अम्मा केंटीन के लिए रखा गया है, जिसे शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है.