देहरादून: राज्य में पलायन को रोकने के लिए भारतीय मृदा जल संरक्षण संस्थान देहरादून आगे आया है. किसानों को किस तरह से गांव में ही रोका जाए, जिसके लिए देहरादून के जल संरक्षण संस्थान ने गांव के किसानों को खेती करने के लिए कई बागवानी बनवाई है, जिससे अब किसान खुश दिखने लगे है. वहीं, अब राज्य भर में पलायन बड़ी समस्या से निर्धारण मिल सकता है.
भारतीय मृदा जल संरक्षण संस्थान ने देहरादून से कुछ दूर थानों के आसपास 23 गावों में बेहद कम बजट में खेती का रिवर्स पलायन मॉडल तैयार किया है. कोरोना काल में वापस आये 61 लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया गया है. इस योजना से लगातार लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
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प्रोजेक्ट निदेशक डॉ. बांके बिहारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का नाम फार्मर फर्स्ट है. इस योजना में किसान मुख्य मुद्दा है, तो किसान के पास किस तरह की व्यवस्था है और उसके आसपास की क्या समस्या है ? उसको ध्यान में रखते हुए योजना प्लान करते हैं और किसान के खेत मे करके उनको दिखाते हैं कि किस तरह से यह योजना फायदेमंद है. साथ ही इस योजना से पलायन में 25 से 30 प्रतिशत की कमी आएगी.