देहरादून: बाबा रामदेव के बयान के बाद आयुर्वेद बनाम एलोपैथी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बाबा रामदेव ने सोमवार को एलोपैथी को लेकर जो 25 सवाल जारी किए थे, उस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने उन्हें लीगल नोटिस जारी किया है. आईएमए ने बाबा पहले अपनी योग्यता बताएं फिर हम सवालों के जवाब देंगे.
एसोसिएशन ने कहा कि बाबा रामदेव एलोपैथी का 'ए' तक नहीं जानते. हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वो अपनी योग्यता तो बताएं. उन्होंने कहा कि अगर बाबा 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा.
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आईएमए उत्तराखंड के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना की ओर से मंगलवार को बाबा रामदेव को छह पेज का नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस में उन्होंने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बाबा के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है. उन्होंने कहा कि एक सदस्य (डॉक्टर) की पचास लाख की मानहानि के अनुसार कुल एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा.
नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए ऐलोपैथी डॉक्टरों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है. ऐसे में उनके खिलाफ मानहानि के दावे के साथ साथ एफआईआर भी कराई जाएगी.
लगातार विवादित बयान दे रहे बाबा रामदेव
गौर हो कि बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बाबा रामदेव यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं. इससे पहले एलोपैथी दवाओं को रामदेव मूर्खतापूर्ण विज्ञान करार दे चुके हैं. एक वीडियो में वो ये कहते दिखाई दे रहे थे कि जितने लोग महामारी से मर रहे हैं, उसमें सबसे ज्यादा लोग अस्पताल में मर रहे हैं और वो भी एलोपैथिक दवाई खाकर.
रामदेव के इस बयान पर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करके कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. आईएमए ने रामदेव को कानूनी नोटिस भेजकर 'लिखित माफी मांगने' और 'बयान वापस लेने' को कहा है. इस पूरे मामले पर विवाद बढ़ने और देशभर के डॉक्टरों द्वारा बाबा के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को भी कड़े शब्दों में बाबा रामदेव को पत्र लिखना पड़ा. हालांकि, तब रामदेव के बचाव में उतरते हुए पतंजलि संस्थान ने बयान जारी कर कहा था कि मॉडर्न साइंस और उसकी प्रैक्टिस करने वाले लोगों के प्रति बाबा रामदेव कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं. IMA ने उन पर जो आरोप लगाए हैं, वो गलत हैं.