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ऋषिकेश में देश का पहला वर्टिकल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

ऋषिकेश में देश का पहला वर्टिकल सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है. स्वीडिश तकनीकी से बने इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन पीएम मोदी कर सकते हैं.

Rishikesh
ऋषिकेश में देश का पहला वर्टिकल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार
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Published : Feb 20, 2020, 8:31 PM IST

ऋषिकेश: देश का पहला व‌र्टिकल डायरेक्शन में तैयार हुआ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऋषिकेश में बनकर तैयार है. शुक्रवार से इसकी हाइड्रोलिक टेस्टिंग भी की जाएगी. स्वीडिश तकनीकी से बना यह एसटीपी काफी खास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्लांट का उद्घाटन कर सकते हैं.

नमामि गंगे परियोजना के तहत चंद्रेश्वर नगर में साढ़े सात एमएलडी का एसटीपी बनकर तैयार हो चुका है. इस एसटीपी की खासियत ये है कि इसे परंपरागत तरीके के हटकर वर्टिकल बनाया गया है. महज 970 वर्गमीटर में 7 मंजिला एसटीपी लगभग बनकर तैयार है. अगर ये प्रोजेक्ट सफल होता है तो इसे पूरे देश में भी लागू किया जा सकता है. इसलिए देशभर के तकनीकी विशेषज्ञों का ध्यान इस समय ऋषिकेश में है.

ऋषिकेश में देश का पहला वर्टिकल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार

नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक संदीप कश्यप के मुताबिक आम तौर पर किसी भी एसटीपी को मूर्त रूप देने के लिए प्रति एमएलडी के हिसाब से साढ़े सात सौ वर्गमीटर का क्षेत्रफल जरूरी होता है. इस लिहाज से यदि परंपरागत तरीके से चंद्रेश्वर नगर स्थित इस एसटीपी को बनाया जाता तो करीब आठ हजार वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता होती.

ये भी पढ़ें: प्रमोशन में आरक्षण: जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने किया सीएम आवास कूच, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

12 करोड़ में तैयार इस परियोजना की हाइड्रोलिक टेस्टिंग शुक्रवार से शुरू हो जाएगी. इसमें गंगा का पानी डालकर तकनीकी सफलता आंकी जाएगी. यदि प्रयोग पूरी तरह सफल रहा तो आस-पास के सीवेज को ट्रीट करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

ऋषिकेश: देश का पहला व‌र्टिकल डायरेक्शन में तैयार हुआ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऋषिकेश में बनकर तैयार है. शुक्रवार से इसकी हाइड्रोलिक टेस्टिंग भी की जाएगी. स्वीडिश तकनीकी से बना यह एसटीपी काफी खास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्लांट का उद्घाटन कर सकते हैं.

नमामि गंगे परियोजना के तहत चंद्रेश्वर नगर में साढ़े सात एमएलडी का एसटीपी बनकर तैयार हो चुका है. इस एसटीपी की खासियत ये है कि इसे परंपरागत तरीके के हटकर वर्टिकल बनाया गया है. महज 970 वर्गमीटर में 7 मंजिला एसटीपी लगभग बनकर तैयार है. अगर ये प्रोजेक्ट सफल होता है तो इसे पूरे देश में भी लागू किया जा सकता है. इसलिए देशभर के तकनीकी विशेषज्ञों का ध्यान इस समय ऋषिकेश में है.

ऋषिकेश में देश का पहला वर्टिकल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार

नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक संदीप कश्यप के मुताबिक आम तौर पर किसी भी एसटीपी को मूर्त रूप देने के लिए प्रति एमएलडी के हिसाब से साढ़े सात सौ वर्गमीटर का क्षेत्रफल जरूरी होता है. इस लिहाज से यदि परंपरागत तरीके से चंद्रेश्वर नगर स्थित इस एसटीपी को बनाया जाता तो करीब आठ हजार वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता होती.

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12 करोड़ में तैयार इस परियोजना की हाइड्रोलिक टेस्टिंग शुक्रवार से शुरू हो जाएगी. इसमें गंगा का पानी डालकर तकनीकी सफलता आंकी जाएगी. यदि प्रयोग पूरी तरह सफल रहा तो आस-पास के सीवेज को ट्रीट करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

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