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हिमालय पर 'हिममानव' की मौजूदगी के सबूत, भारतीय सेना ने जारी की तस्वीरें - मकालू-बरुन नेशनल पार्क

ऐसा माना जाता है येति पहाड़ी इलाकों में रहता है, जहां इंसान का पहुंचना मुश्किल है. ये अधिकतर बर्फीली जगहों पर ही रहते हैं.

Yeti
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Published : Apr 30, 2019, 6:19 PM IST

देहरादून: काल्पनिक कहे जाने वाला महामानव 'येती' फिर चर्चाओं में हैं. भारतीय सेना ने हिमालय में हिम मानव 'येति' की मौजूदगी का दावा किया है. यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने सबूतों के साथ हिम मानव की मौजूदगी का दावा किया है. सेना ने इसकी कुछ तस्वीरों को शेयर कर इस बात का दावा किया है.

  • For the first time, an #IndianArmy Moutaineering Expedition Team has sited Mysterious Footprints of mythical beast 'Yeti' measuring 32x15 inches close to Makalu Base Camp on 09 April 2019. This elusive snowman has only been sighted at Makalu-Barun National Park in the past. pic.twitter.com/AMD4MYIgV7

    — ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) April 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- गुजरात से भागकर दो युवतियों संग हरिद्वार पहुंचा युवक, परिजनों को देख आश्रम की छत से मारी छलांग

भारतीय सेना ने रविवार को कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं, जिनमें विशालकाय पैरों के निशान दिखाई दे रहे हैं. ये निशान 32x15 इंच का है, जो असामान्य हैं. इसके माध्यम से भारतीय सेना ने हिमालय में हिममानव की मौजूदगी के संकेत दिये हैं. बर्फ पर पैरों के ये निशाना नेपाल के पास स्थित मकालू बेस कैंप पर पाये गए हैं. सेना की ओर से ये भी कहा गया कि मकालू बरुण नेशनल पार्क में पहले भी हिम मानव के दिखने का आभास हुआ है.

येति से जुड़ी कुछ खास बातें
ऐसा माना जाता है येति पहाड़ी इलाकों में रहता है, जहां इंसान का पहुंचना मुश्किल है. ये अधिकतर बर्फीली जगहों पर ही रहते हैं. अपने बचाव के लिए ये हाथ में पत्थर का औजार रखते हैं और इनकी आवाज भी बड़ी अजीब सी होती है.

पढ़ें- पर्यावरण संरक्षण की अनोखी पहल, क्या देखी है आपने ऐसी कबाड़ से कलाकारी

सबसे पहले 1920 में देखे गए थे येति
कई किस्सों में बताया गया है कि इसे 1920 में हिमालय के पास नेपाल में सबसे पहले देखा गया था. कई लोगों ने येति की खोज करने की कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके. कई सालों से येति को देखे जाने की कहानी सुनी जा चुकी है लेकिन अबतक इनकी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है. फुट प्रिंट्स और बालों से ही इनका अंदाजा लगाया गया है.

पढ़ें- कैम्पटी फॉल आने वाले पर्यटकों को मिलेगी जाम से निजात, तैयारियों में जुटा प्रशासन

नेपाली लोकगीतों में भी जिक्र
वर्षों तक 'येती' की मौजूदगी, उसके पैरों के निशान, उसके बाल आदि को लेकर कहानियां आती रही हैं. इन सबके बावजूद इस विचित्र प्राणी की कोई तस्‍वीर सामने नहीं आई है. नेपाली लोकगीतों में 'येती' का जिक्र एक बंदर जैसे हिममानव के तौर पर सामने आता है. इसे औसत इंसान की कद-काठी से लंबा बताया गया है. मान्‍यता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, मध्य और पूर्वी एशिया में रहता है.

देहरादून: काल्पनिक कहे जाने वाला महामानव 'येती' फिर चर्चाओं में हैं. भारतीय सेना ने हिमालय में हिम मानव 'येति' की मौजूदगी का दावा किया है. यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने सबूतों के साथ हिम मानव की मौजूदगी का दावा किया है. सेना ने इसकी कुछ तस्वीरों को शेयर कर इस बात का दावा किया है.

  • For the first time, an #IndianArmy Moutaineering Expedition Team has sited Mysterious Footprints of mythical beast 'Yeti' measuring 32x15 inches close to Makalu Base Camp on 09 April 2019. This elusive snowman has only been sighted at Makalu-Barun National Park in the past. pic.twitter.com/AMD4MYIgV7

    — ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) April 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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भारतीय सेना ने रविवार को कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं, जिनमें विशालकाय पैरों के निशान दिखाई दे रहे हैं. ये निशान 32x15 इंच का है, जो असामान्य हैं. इसके माध्यम से भारतीय सेना ने हिमालय में हिममानव की मौजूदगी के संकेत दिये हैं. बर्फ पर पैरों के ये निशाना नेपाल के पास स्थित मकालू बेस कैंप पर पाये गए हैं. सेना की ओर से ये भी कहा गया कि मकालू बरुण नेशनल पार्क में पहले भी हिम मानव के दिखने का आभास हुआ है.

येति से जुड़ी कुछ खास बातें
ऐसा माना जाता है येति पहाड़ी इलाकों में रहता है, जहां इंसान का पहुंचना मुश्किल है. ये अधिकतर बर्फीली जगहों पर ही रहते हैं. अपने बचाव के लिए ये हाथ में पत्थर का औजार रखते हैं और इनकी आवाज भी बड़ी अजीब सी होती है.

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सबसे पहले 1920 में देखे गए थे येति
कई किस्सों में बताया गया है कि इसे 1920 में हिमालय के पास नेपाल में सबसे पहले देखा गया था. कई लोगों ने येति की खोज करने की कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके. कई सालों से येति को देखे जाने की कहानी सुनी जा चुकी है लेकिन अबतक इनकी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है. फुट प्रिंट्स और बालों से ही इनका अंदाजा लगाया गया है.

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नेपाली लोकगीतों में भी जिक्र
वर्षों तक 'येती' की मौजूदगी, उसके पैरों के निशान, उसके बाल आदि को लेकर कहानियां आती रही हैं. इन सबके बावजूद इस विचित्र प्राणी की कोई तस्‍वीर सामने नहीं आई है. नेपाली लोकगीतों में 'येती' का जिक्र एक बंदर जैसे हिममानव के तौर पर सामने आता है. इसे औसत इंसान की कद-काठी से लंबा बताया गया है. मान्‍यता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, मध्य और पूर्वी एशिया में रहता है.

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देहरादून: काल्पनिक कहे जाने वाला महामानव 'येती' फिर चर्चा में हैं. भारतीय सेना ने हिमालय में हिम मानव 'येति' की मौजूदगी का दावा किया है. यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने सबूतों के साथ हिम मानव की मौजूदगी का दावा किया है. सेना ने इसकी कुछ तस्वीरों को शेयर कर इस बात का दावा किया है.

भारतीय सेना ने रविवार को कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं, जिनमें विशालकाय पैरों के निशान दिखाई दे रहे हैं. इन निशान आकार में 32x15 इंच तक हैं, जो असामान्य हैं. इसके माध्यम से भारतीय सेना ने हिमालय में हिममानव की मौजूदगी के संकेत दिए हैं. बर्फ पर पैरों के ये निशाना नेपाल के पास स्थित मकालू बेस कैंप पर पाए गए हैं. सेना की ओर से ये भी कहा गया कि मकालू बरुण नेशनल पार्क में पहले भी हिम मानव के दिखने का आभास हुआ है. 

 


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