देहरादून: उत्तराखंड में हरिद्वार लोकसभा सीट उन पांच सीटों में से एक है, जिस पर कांग्रेस को आगामी चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा उम्मीद है. दरअसल हरिद्वार सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. उधर पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम के लिहाज से भाजपा के लिए सबसे कमजोर सीट हरिद्वार लोकसभा सीट ही मानी जा रही है.
उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर लड़ना चाहती है कांग्रेस: हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस को यदि इंडिया गठबंधन के साथियों का समर्थन मिला, तो भाजपा की मुश्किलें यहां और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं. जबकि विधानसभा चुनाव के परिणाम के लिहाज से टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस की राह काफी मुश्किल दिखाई देती है. हालांकि उधमसिंह नगर नैनीताल लोकसभा सीट पर भी जीत को लेकर कांग्रेस कुछ आशान्वित है. हालांकि कांग्रेस सभी पांचों सीटों पर चुनाव लड़कर सभी सीटों को जीतने की कोशिश में भी जुटी हुई है.
सपा ने हरिद्वार सीट पर ठोका दावा: लोकसभा चुनाव 2024 अब नजदीक है. लिहाजा इंडिया गठबंधन भी अपनी आगामी रणनीति में जुटा हुआ है. इस बीच उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए 5 सीटों में से सबसे मजबूत मानी जा रही हरिद्वार सीट पर अभी से गठबंधन के दो दलों की आपसी टकराहट दिखने लगी है. हालांकि सीट के बंटवारे को लेकर निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर होना है. लेकिन राज्य स्तर पर समाजवादी पार्टी ने हरिद्वार सीट को लेकर दावा ठोक कर कांग्रेस की नींद उड़ा दी है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एसएन सचान ने कहा कि उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटें हैं. इंडिया गठबंधन के लिहाज से हरिद्वार लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारने के लिए तैयार है. सचान ने कहा कि उन्होंने इसके लिए अपनी पार्टी के हाई कमान को भी पत्र भेज दिया है. पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए राज्य में कांग्रेस को पांच में से हरिद्वार लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ना चाहिए.
सपा की मांग से धर्मसंकट में कांग्रेस: वैसे तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर असली जद्दोजहद उत्तर प्रदेश में होनी है. लेकिन उत्तराखंड में भी एक सीट पर समाजवादी पार्टी ने दावा कर कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है. बड़ी बात यह है कि समाजवादी पार्टी ने खुद के लिए उस सीट को मांगा है, जिस पार्टी के दिग्गज नेता हरीश रावत चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसी सीट पर कांग्रेस को जीत की सबसे ज्यादा उम्मीद है. इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि इंडिया गठबंधन को लेकर सीटों के बंटवारे का निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर होना है. और फिलहाल गठबंधन के साथियों को भाजपा और भाजपा के जन विरोधी कार्यों को कैसे जनता के सामने लाया जाए, इसके बारे में सोचना चाहिए.
INDIA गठबंधन कैसे निकालेगा हरिद्वार का हल? हरिद्वार लोकसभा सीट वैसे कांग्रेस के लिए पहले ही बड़ी चिंता का सबब बनी हुई है. दरअसल इस सीट पर हरीश रावत तो ताल ठोक ही रहे हैं, साथ ही हरक सिंह रावत ने भी इस सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए चुनाव प्रचार का माहौल तैयार कर जनता के बीच जाना भी शुरू कर दिया है. यानी हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस के भीतर भी बड़ा द्वंद दिखाई दे रहा है. उधर इन स्थितियों के बीच अब समाजवादी पार्टी का इस सीट को लेकर एंट्री करना नए विवाद को जन्म दे रहा है.
BJP कह रही चुनाव तक बिखर जाएगा इंडिया गठबंधन: दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी इन सभी स्थितियों पर नजर बनाए हुए है. मौजूदा समीकरण पर बीजेपी खूब चुटकियां भी ले रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर कहते हैं कि इंडिया गठबंधन बनने से पहले ही बिखराव की तरफ बढ़ रहा है. अभी तो यह शुरुआत है. लोकसभा सीटों के बंटवारे के दौरान यह गठबंधन निजी हित के कारण पूरी तरह से टूट जाएगा और देश में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक बार फिर भाजपा सरकार बनाएगी.
ये भी पढ़ें: बागेश्वर उपचुनाव के परिणामों से 'INDIA' गठबंधन में रार, कांग्रेस-सपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज