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MLA उमेश शर्मा ने उठाया उत्तराखंड का बड़ा मुद्दा, बोले- वो 'जहर' भी मुझपर बेअसर रहा

हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सरकार को घेरने की तैयारी पूरी कर ली है. उमेश कुमार ने सरकारी विभागों में आउटसोर्स के जरिए नौकरी पर रखे जा रहे युवाओं के मामले जांच की मांग है. इसके अलावा उन्होंने इशारों-इशारों में पूर्व की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनको जहर देने की कोशिश की गई थी जो बेअसर हुई.

Umesh Kumar
उमेश कुमार
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Published : Mar 26, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 8:09 PM IST

देहरादून: हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने 29 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने का मुद्दा तलाश किया है. उमेश कुमार सरकार को घेरने के लिए सदन में बेरोजगारी और आउटसोर्स के जरिए नौकरी कर रहे युवाओं का किस तरह से शोषण हो रहा है, इसी मसले को उठाएंगे. निर्दलीय विधायक उमेश कुमार इस मसले पर लगातार सोशल मीडिया पर अधिकारियों को नसीहत भी दे रहे हैं. इसके साथ ही उमेश शर्मा ने उस वक्त को भी याद किया जब उनपर राजद्रोह का केस दर्ज कर रांची जेल ले जाया जा रहा था.

राजद्रोह के मुकदमे पर बड़ा बयान: उमेश कुमार ने एक गंभीर मामला उठाते हुए कहा कि, जब उनके ऊपर पूर्व सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था तो उस समय उन्हें आनन-फानन में देहरादून से रांची जेल भेजा गया था. उस वक्त उनको कुछ समस्या थी, इसलिए उन्हें व्हील चीयर पर दून अस्पताल लाया गया. दून हॉस्पिटल में उन्हें एक इंजेक्शन लगाया था, जिसको लेकर कहा गया था कि पेन किलर है और लंबे समय में उन्हें इससे राहत मिलेगी. लेकिन जैसे ही वह दिल्ली पहुंचे तो खून की उल्टियां शुरू हो गई थी. उनका कहना है कि वो इंजेक्शन नहीं बल्कि जहर था, लेकिन बाबा केदार की कृपा से उस जहर का असर नहीं हुआ और आज वो सबके सामने जीवित हैं और विधानसभा के सदस्य भी हैं.

आउटसोर्स भर्ती का मुद्दा उठाया: वहीं, उमेश शर्मा का कहना है कि उत्तराखंड के सरकारी विभागों में आउटसोर्स के जरिए जो भर्ती की जा रही है, उस पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आउटसोर्स के नाम पर मैदान से लेकर पहाड़ तक युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आउटसोर्स में नौकरियों के नाम पर उत्तर प्रदेश से कंपनियां उत्तराखंड आती हैं और आ रही है. ताज्जुब की बात ये है कि इस सब की जानकारी यहां के जनप्रतिनिधियों को है, लेकिन वो इस मुद्दे पर बात नहीं करता है.

MLA उमेश कुमार के निशाने पर आउटसोर्स एजेंसी.
पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राज्यपाल और CM धामी ने किया स्वागत, गवर्नर हाउस में करेंगे रात्रि विश्रामउमेश शर्मा का कहना है कि उत्तराखंड बेरोजगारी के चक्कर में कम वेतन पर युवाओं को नौकरी तो देते हैं. इसके बाद उनके हक हकूकों पर ये कंपनियां डाका डाल रही है. आउटसोर्स से रखे गए कर्मचारियों का टीडीएस खा दिया जाता है, उनका ईपीएफ भी नहीं दिया जाता है. इसलिए युवा अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस करता है. उमेश शर्मा का कहना है कि इस बात की शिकायत उन्होंने खुद कई बार पुलिस अधिकारियों से की है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अगर ऐसा ही चला तो वो खुद एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

पढ़ें- हरदा की पीड़ा- 'हार का सबसे ज्यादा दंड मुझे ही क्यों भुगतना पड़ता है? गंगा किनारे क्षमा मांगने को तैयार'

उमेश कुमार का आरोप है कि आउटसोर्स कम्पनियों को यहां के नेताओं ने बनाया है, जिसमें कई विभागों के निदेशक तक शामिल हैं. आउटसोर्स एजेंसी नौकरी के नाम पर युवाओं से मोटी-मोटी रकम लेती है. उमेश कुमार ने कहा कि वे इसको लेकर मुख्यमंत्री से सदन में आवाज उठाकर जांच की मांग करेंगे.

देहरादून: हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने 29 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने का मुद्दा तलाश किया है. उमेश कुमार सरकार को घेरने के लिए सदन में बेरोजगारी और आउटसोर्स के जरिए नौकरी कर रहे युवाओं का किस तरह से शोषण हो रहा है, इसी मसले को उठाएंगे. निर्दलीय विधायक उमेश कुमार इस मसले पर लगातार सोशल मीडिया पर अधिकारियों को नसीहत भी दे रहे हैं. इसके साथ ही उमेश शर्मा ने उस वक्त को भी याद किया जब उनपर राजद्रोह का केस दर्ज कर रांची जेल ले जाया जा रहा था.

राजद्रोह के मुकदमे पर बड़ा बयान: उमेश कुमार ने एक गंभीर मामला उठाते हुए कहा कि, जब उनके ऊपर पूर्व सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था तो उस समय उन्हें आनन-फानन में देहरादून से रांची जेल भेजा गया था. उस वक्त उनको कुछ समस्या थी, इसलिए उन्हें व्हील चीयर पर दून अस्पताल लाया गया. दून हॉस्पिटल में उन्हें एक इंजेक्शन लगाया था, जिसको लेकर कहा गया था कि पेन किलर है और लंबे समय में उन्हें इससे राहत मिलेगी. लेकिन जैसे ही वह दिल्ली पहुंचे तो खून की उल्टियां शुरू हो गई थी. उनका कहना है कि वो इंजेक्शन नहीं बल्कि जहर था, लेकिन बाबा केदार की कृपा से उस जहर का असर नहीं हुआ और आज वो सबके सामने जीवित हैं और विधानसभा के सदस्य भी हैं.

आउटसोर्स भर्ती का मुद्दा उठाया: वहीं, उमेश शर्मा का कहना है कि उत्तराखंड के सरकारी विभागों में आउटसोर्स के जरिए जो भर्ती की जा रही है, उस पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आउटसोर्स के नाम पर मैदान से लेकर पहाड़ तक युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आउटसोर्स में नौकरियों के नाम पर उत्तर प्रदेश से कंपनियां उत्तराखंड आती हैं और आ रही है. ताज्जुब की बात ये है कि इस सब की जानकारी यहां के जनप्रतिनिधियों को है, लेकिन वो इस मुद्दे पर बात नहीं करता है.

MLA उमेश कुमार के निशाने पर आउटसोर्स एजेंसी.
पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राज्यपाल और CM धामी ने किया स्वागत, गवर्नर हाउस में करेंगे रात्रि विश्रामउमेश शर्मा का कहना है कि उत्तराखंड बेरोजगारी के चक्कर में कम वेतन पर युवाओं को नौकरी तो देते हैं. इसके बाद उनके हक हकूकों पर ये कंपनियां डाका डाल रही है. आउटसोर्स से रखे गए कर्मचारियों का टीडीएस खा दिया जाता है, उनका ईपीएफ भी नहीं दिया जाता है. इसलिए युवा अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस करता है. उमेश शर्मा का कहना है कि इस बात की शिकायत उन्होंने खुद कई बार पुलिस अधिकारियों से की है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अगर ऐसा ही चला तो वो खुद एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

पढ़ें- हरदा की पीड़ा- 'हार का सबसे ज्यादा दंड मुझे ही क्यों भुगतना पड़ता है? गंगा किनारे क्षमा मांगने को तैयार'

उमेश कुमार का आरोप है कि आउटसोर्स कम्पनियों को यहां के नेताओं ने बनाया है, जिसमें कई विभागों के निदेशक तक शामिल हैं. आउटसोर्स एजेंसी नौकरी के नाम पर युवाओं से मोटी-मोटी रकम लेती है. उमेश कुमार ने कहा कि वे इसको लेकर मुख्यमंत्री से सदन में आवाज उठाकर जांच की मांग करेंगे.

Last Updated : Mar 26, 2022, 8:09 PM IST
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