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14 सालों से अधर में लटका बारात घर का निर्माण, विभाग पर खड़े हो रहे सवाल

विकासनगर के साहिया साकेत बस्ती में शादी विवाह के लिए ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2004-5 में 4 लाख 91 हजार की लागत से बारात घर के निर्माण के लिए धन स्वीकृत किया गया था. लेकिन आज 14 सालों बाद भी बारात घर अधूरा पड़ा हुआ है. जिस कारण समाज कल्याण विभाग की लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश है.

जर्जर हालत में अधूरा बारात घर.
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Published : Jul 19, 2019, 8:21 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 12:02 AM IST

विकासनगर: पिछले 14 सालों से समाज कल्याग विभाग की लापरवाही ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. लाखों रुपये की लागत से गांव में बनने वाला बारात घर प्रशासनिक उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण बन गया है. वर्तमान हालत यह है कि ना तो बारात घर में खिड़की-दरवाजे हैं और ना ही फर्श पर पत्थर, जर्जर हो रही इस अधूरी इमारत की कोई भी अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है.

जर्जर हालत में अधूरा बारात घर.

जिले के कालसी ब्लॉक स्थित साहिया साकेत बस्ती में शादी विवाह के लिए ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2004-5 में 4 लाख 91 हजार की लागत से बारात घर के निर्माण के लिए धन स्वीकृत किया गया था. उसी साल बारात घर का निर्माण शुरू कर दिया गया था. लेकिन बारात घर का निर्माण कार्य 3,47,000 खर्च कर आधा-अधूरा छोड़ दिया गया.

पढे़ं- कांवड़ में अनोखी भक्ति: कंधों पर 48 लीटर गंगाजल लेकर 260 KM का सफर तय करेंगे शेखर

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कई बार विभागीय अधिकारियों, खंड विकास अधिकारी और जिलाधिकारी तक को इस बाबत शिकायत की गई. लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर एक्शन नहीं लिया. उन्होंने बताया कि जो निर्माण कार्य किया गया है, उसमें ना तो खिड़की-दरवाजे हैं और ना ही वहां फर्श डाला गया है. जिस कारण ग्रामीणों को शादी विवाह के लिए अन्य स्थल का चुनाव करना पड़ रहा है. 14 सालों बाद भी समाज कल्याण विभाग द्वारा बारात घर का निर्माण पूरा नहीं कराया गया. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों में समाज कल्याण के लिए काफी आक्रोश है.

पूर्व प्रधान सुभाष भाटी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा समय पर बजट उपलब्ध ना कराने के कारण ऐसी स्थिति सामने आई है. उन्होंने कहा कि कार्यकाल में बारात घर का निर्माण शुरू करवाया गया था, लेकिन विभाग द्वारा पहल नहीं की गई. कई बार जिलाधिकारी देहरादून और खंड विकास अधिकारी कालसी को भी इसकी जानकारी दी गई थी. लेकिन समाज कल्याण विभाग लापरवाह बना रहा.

वहीं, सहायक समाज कल्याण अधिकारी कालसी कुंदन लाल आर्य ने बताया कि साहिया साकेत बस्ती में बरात घर का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को दे दी गई है.

विकासनगर: पिछले 14 सालों से समाज कल्याग विभाग की लापरवाही ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. लाखों रुपये की लागत से गांव में बनने वाला बारात घर प्रशासनिक उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण बन गया है. वर्तमान हालत यह है कि ना तो बारात घर में खिड़की-दरवाजे हैं और ना ही फर्श पर पत्थर, जर्जर हो रही इस अधूरी इमारत की कोई भी अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है.

जर्जर हालत में अधूरा बारात घर.

जिले के कालसी ब्लॉक स्थित साहिया साकेत बस्ती में शादी विवाह के लिए ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2004-5 में 4 लाख 91 हजार की लागत से बारात घर के निर्माण के लिए धन स्वीकृत किया गया था. उसी साल बारात घर का निर्माण शुरू कर दिया गया था. लेकिन बारात घर का निर्माण कार्य 3,47,000 खर्च कर आधा-अधूरा छोड़ दिया गया.

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स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कई बार विभागीय अधिकारियों, खंड विकास अधिकारी और जिलाधिकारी तक को इस बाबत शिकायत की गई. लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर एक्शन नहीं लिया. उन्होंने बताया कि जो निर्माण कार्य किया गया है, उसमें ना तो खिड़की-दरवाजे हैं और ना ही वहां फर्श डाला गया है. जिस कारण ग्रामीणों को शादी विवाह के लिए अन्य स्थल का चुनाव करना पड़ रहा है. 14 सालों बाद भी समाज कल्याण विभाग द्वारा बारात घर का निर्माण पूरा नहीं कराया गया. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों में समाज कल्याण के लिए काफी आक्रोश है.

पूर्व प्रधान सुभाष भाटी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा समय पर बजट उपलब्ध ना कराने के कारण ऐसी स्थिति सामने आई है. उन्होंने कहा कि कार्यकाल में बारात घर का निर्माण शुरू करवाया गया था, लेकिन विभाग द्वारा पहल नहीं की गई. कई बार जिलाधिकारी देहरादून और खंड विकास अधिकारी कालसी को भी इसकी जानकारी दी गई थी. लेकिन समाज कल्याण विभाग लापरवाह बना रहा.

वहीं, सहायक समाज कल्याण अधिकारी कालसी कुंदन लाल आर्य ने बताया कि साहिया साकेत बस्ती में बरात घर का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को दे दी गई है.

Intro:ग्राम पंचायत नेवी के साहिया साकेत बस्ती में पिछले 14 वर्षों से आधा अधूरा पड़ा है बरात घर वर्ष 2004-5में समाज कल्याण विभाग द्वारा स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत 4 लाख 91 हजार रुपए की लागत से शुरू करवाया था निर्माण कार्य


Body:ग्राम पंचायत नेवी के साहिया साकेत बस्ती में शादी विवाह के लिए ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2004_5 मैं 4 लाख 91 हजार की लागत से बारात घर के निर्माण के लिए धन स्वीकृत किया गया था उसी वर्ष निर्माण दाई संस्था ग्राम पंचायत द्वारा बारात घर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था समाज कल्याण विभाग द्वारा बनाए गए बारात घर का निर्माण कार्यों में किया गया कार्य ₹347000 खर्च कर आधा अधूरा छोड़ दिया स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कई बार विभागीय अधिकारियों व खंड विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारी तक इस संबंध में शिकायत की गई बावजूद इसके समाज कल्याण विभाग द्वारा बारात घर का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करा सका बारात घर का जो निर्माण कार्य किया गया था उसमें ना तो खिड़की दरवाजे नाही फर्श डाला गया जिस कारण से ग्रामीणों को शादी विवाह के लिए अन्य स्थल का चुनाव करना पड़ रहा है 14 वर्षों बाद भी समाज कल्याण विभाग द्वारा बरात घर का निर्माण पूर्ण नहीं कराया गया जिससे कारण से स्थानीय ग्रामीणों में समाज कल्याण की लापरवाही को देखते हुए काफी रोष देखने को मिला


Conclusion:पूर्व प्रधान सुभाष भाटी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा समय पर बजट उपलब्ध न कराने के कारण ऐसी स्थिति सामने आई है मेरे कार्यकाल में बारात घर का निर्माण शुरू कराया गया था लेकिन विभाग द्वारा पहल नहीं की गई कई बार जिलाधिकारी देहरादून वह खंड विकास अधिकारी कालसी को वह जिला पंचायत अध्यक्ष को अवगत भी करवाया गया था लेकिन समाज कल्याण विभाग लापरवाह बना रहा

वही इस संबंध में सहायक समाज कल्याण अधिकारी कालसी कुंदन लाल आर्य ने बताया कि साहिया साकेत बस्ती में बरात घर का कार्य आधा अधूरा पड़ा है इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को दे दी गई है
Last Updated : Jul 20, 2019, 12:02 AM IST
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