देहरादून: आयकर विभाग ने जिन सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर कर्मियों की सालाना आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है, उन्हें आगामी 31 जनवरी 2021 तक अपने अलग-अलग इन्वेस्टमेंट और बचत का विवरण अपने पेंशन लेने वाले ट्रेजरी (कोषागार) कार्यालय में जमा करना को कहा है. ऐसा करने से इनकम टैक्स की परिधि में आने वाले पेंशन कर्मियों की बचत का विवरण आयकर विभाग के रिकॉर्ड में समायोजन किया जा सकेगा. राज्य पेंशनधारी अगर अपनी बचत जैसे विषयों का दस्तावेज विवरण कोषागार में निर्धारित तिथि तक उपलब्ध नहीं कराते हैं तो आयकर विभाग नियमानुसार उनके पेंशन में टैक्स कटौती करेगा.
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आयकर की दायरे में 30 फीसदी राजकीय पेंशनकर्मी
उत्तराखंड राज्य पेंशन संघ पदाधिकारियों के अनुसार प्रदेश में अनुमानित एक लाख से अधिक राज्य कर्मी पेंशनभोगी है. इसमें लगभग 30 फीसदी पेंशनकर्मी, जिनकी सालाना आय 5 लाख से अधिक है. वह सभी आयकर के दायरे में आते हैं. हालांकि 70% ऐसे राजकीय पेंशनकर्मी है, जिनकी सालाना आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है, ऐसे में जिन पेंशनकर्मी की सालाना आय 5 लाख से 8 लाख के दायरे में है. उन सभी को अपनी बचत, एफडी, इन्वेस्टमेंट जैसे विषयों का विवरण आयकर नियमानुसार 31 जनवरी तक ट्रेजरी में जमा कराना है.
साढ़े तीन लाख से अधिक राजकीय सेवारत कर्मचारी
वहीं, वर्तमान समय में अनुमानित साढ़े तीन लाख से अधिक लोग राजकीय सेवारत कर्मचारी हैं, इनमें से लगभग 1.5लाख रेगुलर कर्मचारी आयकर के दायरे में नहीं आते हैं. जबकि 2 लाख से कुछ अधिक अधिकारी व कर्मचारी सालाना आय के हिसाब से इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. ऐसे राजकीय सेवारत कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने संबंधित विभागों में आयकर के नियमानुसार फॉर्म भर कर अपने बचत और अन्य इन्वेस्टमेंट का विवरण जमा कराया जा चुका है.