देहरादूनः सोमवार को विधानसभा में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में मंत्री धन सिंह रावत विभाग के सचिव से विधायकों का परिचय करते नजर आए. विधानसभा में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में मंत्री धनसिंह रावत ने पहली दफा प्रदेश की कई संवेदनशील विधानसभा के विधायकों को बैठक में बुलाया. इस दौरान मंत्री धन सिंह विभाग के सचिव एसए मुरुगेशन से विधायकों का परिचय करवाया. इसके बाद बैठक में विस्थापन और पुनर्वास के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई.
विधानसभा में आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने विधानसभा में कई विधायकों के साथ बैठक की. बैठक में धारचूला विधायक हरीश धामी, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, लैंसडाउन विधायक दिलीप सिंह रावत सहित कई अन्य विधायक भी मौजूद रहे. बैठक के बाद धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में आपदा को लेकर लगातार आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रतिस्थापन और पुनर्वास जैसे विषयों पर काम किया जा रहा है. इसके अलावा आगामी मॉनसून सीजन को देखते हुए भी लगातार आपदा प्रबंधन विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है.
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विपक्षी विधायकों ने उठाए सवाल
वहीं आपदा प्रबंधन की बैठक में आए विपक्ष के विधायकों ने सरकार पर कई सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में नौकरशाही बेलगाम हो रही है. साथ ही विपक्ष के विधायकों ने सरकार के कोविड-19 मैनेजमेंट को लेकर भी कई सवाल खड़े किए. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि सरकार द्वारा लिए गए गलत निर्णयों के चलते प्रदेश में कोविड संक्रमण बढ़ा है.
आपदा प्रबंधन की बैठक के बाद मंत्री धन सिंह रावत ने बताय कि राज्य में पुनर्वास नीति 2011 लागू होने पश्चात विभाग द्वारा प्रदेश में अब तक कुल 43 गांवों के 1086 परिवारों का विस्थापन किया चुका है. जिनके पुनर्वास पर विभाग द्वारा कुल 45 करोड़ 63 लाख 63 हजार 916 रुपए की धनराशि खर्च की जा चुकी है.
समीक्षा बैठक में वर्तमान तक पुनर्वासित परिवारों की जनकारी देते हुए विभागीय सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि वर्ष 2012 एवं 2015 में रुद्रप्रयाग जनपद के 4 परिवार एवं चमोली जनपद के 7 परिवारों का पुनर्वास किया गया है. इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में 4 जनपदों के 177 परिवारों का पुनर्वास किया गया है, जिनमें बागेश्वर के 28, चमोली के 67, टिहरी के 26, एवं रुद्रप्रयाग के 56 परिवार शामिल हैं.
वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3 जनपदों के आपदा प्रभावित 151 परिवारों का पुनर्वास किया गया है. जिनमें चमोली के 113, बागेश्वर के 18, टिहरी के 20 परिवार शामिल हैं. इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 के तहत 4 जनपदों 360 परिवारों का पुनर्वास किया गया है. जिसमें पिथौरागढ़ के 21, टिहरी के 265, बागेश्वर के 5, चमोली के 69 परिवार शामिल हैं.
वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6 जनपदों के 258 परिवारों का पुनर्वास किया गया है. जिनमें टिहरी के 92, उत्तरकाशी के 91, चमोली के 18, नैनीताल के 1, बागेश्वर के 4, पिथौरागढ़ के 52 परिवार शामिल हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3 जनपदों के 129 परिवारों का विस्थापन कर दिया गया है. जिसमें अल्मोड़ा के 4, उत्तरकाशी के 94 और पिथौरागढ़ के 31 परिवार शामिल हैं.