देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के मद्देनजर परिवहन विभाग दमखम से तैयारियों में जुटा हुआ है. इसी क्रम में परिवहन विभाग ने चार धाम यात्रा रूटों पर संचालित होने वाले सभी कमर्शियल वाहनों को जीपीएस लगाने की बाध्यता रखी थी, जिसके बाद ही कमर्शियल वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किया जा रहा था, लेकिन, चारधाम यात्रा शुरू होने में बचे कुछ दिन को देखते हुए परिवहन विभाग ने ग्रीन कार्ड के लिए जीपीएस की अनिवार्यता को फिलहाल 31 मई तक के लिए समाप्त कर दी है. इसके साथ ही रोडवेज बसों में सफर कर रहे किसी भी यात्री की मौत होने पर उसके परिजनों को 7 लाख का आर्थिक सहायता दी जाएगी.
दरअसल, चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और वाहनों की निगरानी के लिए परिवहन विभाग ने सभी कमर्शियल वाहनों में जीपीएस लगाए जाने की बाध्यता रखी थी. इस बात पर भी जोर दिया था कि जिस कमर्शियल वाहन में जीपीएस नहीं लगा होगा उन्हें ग्रीन कार्ड नहीं दिया जाएगा. जिसके चलते वर्तमान समय तक मात्र 200 वाहनों को ही ग्रीन कार्ड दिया गया. यही नहीं कई यूनियन और संगठनों ने परिवहन मंत्री से मुलाकात कर इस बात पर जोर दिया कि उन्हें जीपीएस लगाने के लिए 31 मई तक का समय दिया जाए, वह शुरुवाती एक महीने में कुछ पैसा कमा लें, इसके बाद अपने वाहनों में वह जीपीएस लगवा लेंगे.
पढ़ें- चारधाम यात्रा: परिवहन निगम 60 बसों का करेगा अधिग्रहण, ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड अनिवार्य
जिसको देखते हुए परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि जिन कमर्शियल वाहनों में जीपीएस नहीं लगा हुआ है, वो 31 मई तक अपने वाहनों में जीपीएस लगवा लें. आज से ही बिना जीपीएस के भी कमर्शियल वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
चार धाम यात्रा रूटों पर अपनी सेवाएं देने वाले सभी कमर्शियल वाहनों को इस बाबत कहा गया है कि 31 मई तक अगर वह सभी लोग अपनी गाड़ियों में जीपीएस नहीं लगाते हैं तो उनके ट्रिप कार्ड को निरस्त कर दिया जाएगा. जिसके बाद वो चारधाम यात्रा में अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे.
चंदन राम दास, परिवहन मंत्री
साथ ही परिवहन मंत्री ने कहा यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि जीपीएस और ग्रीन कार्ड के चलते चार धाम यात्रा पर कोई असर ना पड़े. पिछले साल चारधाम यात्रा के दौरान 20 हजार ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे, लेकिन इस बार काफी अधिक ग्रीन कार्ड जारी होने की संभावना है. उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है. लिहाजा, उससे पहले वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किए जा सके इसके लिए 31 मई तक की सहूलियत वाहन स्वामियों को दी गई है. साथ ही मंत्री ने कहा कि 21 अप्रैल को वो ऋषिकेश से चारधाम यात्रा का शुभारंभ करेंगे.
पढ़ें- चारधाम यात्रा के लिए Green Card बनने शुरू, एक ही कार्ड पर पूरे सीजन होगी यात्रा
यही नहीं, परिवहन विभाग की चारधाम यात्रा को लेकर की गई तैयारियों पर परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने कहा चार धाम यात्रा के दौरान कई बार स्थिति पैदा हो जाती है, जिसके चलते इस बार यह निर्णय लिया गया है कि यात्रा के दौरान अगर कहीं पर भी जाम लगता है तो जाम खुलने के साथ ही सबसे पहले बसों को रवाना किया जाएगा. इसके बाद छोटी गाड़ियों को रवाना किया जाएगा. इसके अलावा चालक और परिचालक यात्रियों के साथ बेहतर व्यवहार करें, इसके लिए 1 दिन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. यही नहीं, चालकों और परिचालकों के लिए रेस्ट रूम भी बनाए जा रहे हैं इसके लिए 10 जगह भी चिन्हित किए गए हैं.
पढ़ें- चारधाम यात्रा: वाहन चालकों के लिए राहत भरी खबर, अब घर बैठे बनेगा ग्रीन कार्ड
परिवहन मंत्री चंदन दास ने कहा रोडवेज की बसों में सफर कर रहे यात्रियों की अगर दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उनके परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में सात लाख दिए जाएंगे. जिसके तहत 5 लाख रुपए परिवहन निगम और दो लाख परिवहन विभाग की मद से दिये जाएंगे. कई बार बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मजिस्ट्रेट जांच के बाद ही मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाती है. वहीं इस व्यवस्था को बदलते हुए इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर बस दुर्घटना में किसी भी यात्री की मौत होती है तो उसके परिजनों को तत्काल प्रभाव से सात लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस संबंध में परिवहन विभाग ने निर्देश भी जारी कर दी है.