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आर्मी एरिया में सैलाब लाने वाले बारिश के पानी का अनोखा उपयोग, टैंकों में जमा करके धोते हैं कपड़े - छोटी सैन्य आवासीय कॉलोनी

गढ़ी कैंट क्षेत्र में पड़ने वाले आर्मी एरिया में हर साल मॉनसून सीजन में शहर के अन्य इलाकों की तुलना में ज्यादा बारिश होती है. बारिश का पानी शहर के लिए मुसीबत भी बनता है. लेकिन इस बार आर्मी एरिया में इस मॉनसून के पानी का सदुपयोग करने का एक अनोखा तरीका निकाला गया है.

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Published : Jul 21, 2023, 1:24 PM IST

देहरादून: राजपुर रोड रायपुर और गढ़ी कैंट इलाके में शहर के अन्य इलाकों की तुलना में ज्यादा बारिश हर साल देखने को मिलती है. इस बार भी रिकॉर्ड तोड़ बारिश गढ़ी कैंट इलाके में हुई है, जो परेशानी का सबब बन रही है. लेकिन इस बार बड़े-बड़े टैंक रखे गए हैं. जिसके जरिए बरसात के दौरान नालियों से जमा होने वाले बारिश के पानी को साफ किया जा रहा है और ओवरहेड पानी की टंकियों में डाला जा रहा है. इन टंकियों से सार्वजनिक रूप से वॉशिंग मशीनों को पानी की आपूर्ति की जा रही है.

Garhi Cantt Sector Dehradun
छोटी सैन्य आवासीय कॉलोनी में शुरू की पहल

एक छोटी सैनिक कॉलोनी में शुरू हुई अनूठी पहल: गढ़ी कैंट के अनारवाला में एक छोटी सैन्य आवासीय कॉलोनी ने प्रकृति के प्रकोप का दोहन करने के लिए एक अनूठी पहल की है. 160 MES सैनिक क्वार्टरों की कॉलोनी एक ढलान पर मौजूद है. आरडब्ल्यूए ने कॉलोनी के छोर पर एक ऐसा किनारा ढूंढा है, जहां से भारी बारिश के दौरान जलभराव की शुरुआत होती है और यही से जो सारा पानी इकट्ठा होकर शहर के बीचों बीच बहने वाली बिंदाल नदी को रौद्र कर देती है. इस एरिया में सेना के तमाम कार्यालय और सैनिक कॉलोनियां हैं. मूसलाधार बारिश आवासीय कॉलोनियों में नालियों को नालों में बदल देती है और पानी बड़े पैमाने पर बड़े नालों में बहकर बिंदाल नदी की ओर जाता है.

Garhi Cantt Sector Dehradun
बरसात के पानी को टैंक प्रक्रिया के तहत किया जा रहा साफ

सैनिक कॉलोनी में टेक्नोलॉजी का ऐसा आइडिया जो जोड़ रहा है समाज: शहर पहले से ही अच्छी आबोहवा के चलते रिटायरमेंट की लाइफ और एक शांति भरे जीवन को जीने के लिए पहचाना जाता है. सैनिकों परिवार सिर्फ एक या दो साल के लिए 'पीस टेन्योर’ के लिए देहरादून आते हैं. केंट एरिया में बरसात का जलसंरक्षण करने वाली इस सैनिक कॉलोनी के सेंट्रल एरिया में बड़ी बड़ी वाशिंग मशीनें रखी गई हैं, जहां पर गृहिणियां कपड़े धोने और सुखाने के लिए इकट्ठा होती हैं. यह दृश्य बिल्कुल गांव के पनघट पर पुराने दौर में लगने वाली महिलाओं के उस दृश्य के जैसा ही है.
ये भी पढ़ें: भारी बारिश से लक्सर में फिर जलभराव, सालों से बंद नाला खुलवाया गया

जल संरक्षण और सौर ऊर्जा दोनों का बेहतर इस्तेमाल: केंट एरिया की इस अनूठी सैनिक कॉलोनी में मौजूद ये वाशिंग मशीनें छत पर रखे गए सौर पैनलों से सौर ऊर्जा लेकर संचालित की जाती हैं, ताकि तेज धूप के दौरान सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सके. दो बिल्डिंगों के बीच, ओवरहेड कवर के रूप में पारदर्शी शीट्स की चादरों का उपयोग करके, एक कपड़े सुखाने का स्थान बनाया गया है. साथ ही प्रेस बोर्ड और बिजली के प्रेस भी लगाए गए हैं, जो सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हैं. यहां के निवासी अपने गंदे कपड़े और डिटर्जेंट के साथ परिसर में आते हैं, वॉशिंग मशीन का उपयोग करते हैं.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार में बाढ़ के बीच हर जगह सांप ही सांप, कहीं पेड़ पर लटके तो कहीं घरों में घुसे

देहरादून: राजपुर रोड रायपुर और गढ़ी कैंट इलाके में शहर के अन्य इलाकों की तुलना में ज्यादा बारिश हर साल देखने को मिलती है. इस बार भी रिकॉर्ड तोड़ बारिश गढ़ी कैंट इलाके में हुई है, जो परेशानी का सबब बन रही है. लेकिन इस बार बड़े-बड़े टैंक रखे गए हैं. जिसके जरिए बरसात के दौरान नालियों से जमा होने वाले बारिश के पानी को साफ किया जा रहा है और ओवरहेड पानी की टंकियों में डाला जा रहा है. इन टंकियों से सार्वजनिक रूप से वॉशिंग मशीनों को पानी की आपूर्ति की जा रही है.

Garhi Cantt Sector Dehradun
छोटी सैन्य आवासीय कॉलोनी में शुरू की पहल

एक छोटी सैनिक कॉलोनी में शुरू हुई अनूठी पहल: गढ़ी कैंट के अनारवाला में एक छोटी सैन्य आवासीय कॉलोनी ने प्रकृति के प्रकोप का दोहन करने के लिए एक अनूठी पहल की है. 160 MES सैनिक क्वार्टरों की कॉलोनी एक ढलान पर मौजूद है. आरडब्ल्यूए ने कॉलोनी के छोर पर एक ऐसा किनारा ढूंढा है, जहां से भारी बारिश के दौरान जलभराव की शुरुआत होती है और यही से जो सारा पानी इकट्ठा होकर शहर के बीचों बीच बहने वाली बिंदाल नदी को रौद्र कर देती है. इस एरिया में सेना के तमाम कार्यालय और सैनिक कॉलोनियां हैं. मूसलाधार बारिश आवासीय कॉलोनियों में नालियों को नालों में बदल देती है और पानी बड़े पैमाने पर बड़े नालों में बहकर बिंदाल नदी की ओर जाता है.

Garhi Cantt Sector Dehradun
बरसात के पानी को टैंक प्रक्रिया के तहत किया जा रहा साफ

सैनिक कॉलोनी में टेक्नोलॉजी का ऐसा आइडिया जो जोड़ रहा है समाज: शहर पहले से ही अच्छी आबोहवा के चलते रिटायरमेंट की लाइफ और एक शांति भरे जीवन को जीने के लिए पहचाना जाता है. सैनिकों परिवार सिर्फ एक या दो साल के लिए 'पीस टेन्योर’ के लिए देहरादून आते हैं. केंट एरिया में बरसात का जलसंरक्षण करने वाली इस सैनिक कॉलोनी के सेंट्रल एरिया में बड़ी बड़ी वाशिंग मशीनें रखी गई हैं, जहां पर गृहिणियां कपड़े धोने और सुखाने के लिए इकट्ठा होती हैं. यह दृश्य बिल्कुल गांव के पनघट पर पुराने दौर में लगने वाली महिलाओं के उस दृश्य के जैसा ही है.
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जल संरक्षण और सौर ऊर्जा दोनों का बेहतर इस्तेमाल: केंट एरिया की इस अनूठी सैनिक कॉलोनी में मौजूद ये वाशिंग मशीनें छत पर रखे गए सौर पैनलों से सौर ऊर्जा लेकर संचालित की जाती हैं, ताकि तेज धूप के दौरान सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सके. दो बिल्डिंगों के बीच, ओवरहेड कवर के रूप में पारदर्शी शीट्स की चादरों का उपयोग करके, एक कपड़े सुखाने का स्थान बनाया गया है. साथ ही प्रेस बोर्ड और बिजली के प्रेस भी लगाए गए हैं, जो सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हैं. यहां के निवासी अपने गंदे कपड़े और डिटर्जेंट के साथ परिसर में आते हैं, वॉशिंग मशीन का उपयोग करते हैं.
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