देहरादून: एलोपैथी और आयुर्वेद विवाद के बीच भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने पीएम नरेंद मोदी को पत्र लिखते हुए बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. IMA ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा है कि 'पतंजलि के मालिक बाबा रामदेव द्वारा टीकाकरण पर गलत सूचना प्रसारण अभियान को रोका जाना चाहिए. एक वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद पूरे देश में एक हजार डॉक्टर मारे गए हैं. ऐसे में बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए'.
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इससे पहले बाबा रामदेव ने सोमवार को एलोपैथी को लेकर जो 25 सवाल जारी किए थे, उस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने उन्हें लीगल नोटिस जारी किया है. आईएमए ने बाबा पहले उनकी योग्यता बताने को कहा है.
एसोसिएशन ने कहा कि बाबा रामदेव एलोपैथी का 'ए' तक नहीं जानते. हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वो अपनी योग्यता तो बताएं. उन्होंने कहा कि अगर बाबा 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा.
लगातार विवाद पैदा कर रहे रामदेव
गौर हो कि बाबा रामदेव एक वीडियो में यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि 1000 से ज्यादा डॉक्टर वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद मर गए हैं. जो अपने आपको ही नहीं बता पाए वो कैसी डॉक्टरी. वो डॉक्टर (टर्र-टर्र कहकर) शब्द का मजाक भी बना रहे हैं. उनका कहना था कि डॉक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बनो, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन वो फिर भी वो सबका डॉक्टर हैं.
पहले एलोपैथी पर विवादित बयान
इससे पहले वायरल हुए एक वीडियो में रामदेव ने दावा किया था कि एलोपैथी 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.' भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था और मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.