देहरादून: आयुर्वेद Vs होम्योपैथिक की लड़ाई में अब आईएमए ने बाबा रामदेव के 25 सवालों का जवाब देने के लिए 6 वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम गठित की है, जो बाबा रामदेव को उनके सवालों का जवाब उनकी भाषा में देंगे.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में 20 साल महासचिव रहे और मौजूदा समय में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सेंट्रल वर्किंग कमिटी के मेंबर डॉ डीडी चौधरी ने ईटीवी भारत से बताया कि इस वक्त जो पूरे देश में आयुर्वेद बनाम एलोपैथिक की बहस छिड़ी हुई है. वास्तव में यह लड़ाई आयुर्वेदिक और आधुनिक मेडिकल साइंस के बीच नहीं है और इस बहस को ना तो आयुर्वेद ने शुरू किया है और ना ही मॉडर्न मेडिकल साइंस ने शुरू किया है. इसकी शुरुआत केवल बाबा रामदेव ने की है.
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उन्होंने कहा कि मार्केटिंग में बाबा रामदेव को महारत हासिल है. बाबा लाइम-लाइट में आने के लिए कुछ भी करते हैं. इस वक्त उन्हें कुछ मेडिकल कॉलेजे खोलने हैं, तो यह केवल उनका लाइमलाइट में आने का और मार्केटिंग करने का एक तरीका मात्र हो सकता है.
5 डॉक्टरों का पैनल
डॉक्टर डीडी चौधरी ने बताया कि बाबा रामदेव द्वारा मॉर्डन मेडिकल साइंस पर उठाए गए 25 सवालों का जवाब देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा डॉक्टरों का पैनल गठित किया गया है, जो कि बाबा रामदेव के इन तमाम सवालों का विस्तार से जवाब देंगे. उन्होंने बाबा रामदेव को चुनौती दी है कि वह बताएं कि कब और कहां आईएमए की इस समिति से बहस करेंगे.
IMA के पैनल में इन डॉक्टरों का है नाम
- डॉ. बीएस जज, देहरादून
- डॉ. महेश कुरियाल, देहरादून
- डॉ. आरके सिंघल, हरिद्वार
- डॉ. सीएस जोशी, खटीमा
- डॉ. जोगराज सिंह, रुड़की
- डॉ. अमित सिंह, देहरादून