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कोरोना से जंग: IIP दून हवा से तैयार कर रहा ऑक्सीजन, बिगड़ते हालात में अस्पतालों को मिलेगी 'संजीवनी'

अस्पतालों में बढ़ती ऑक्सीजन की खपत को देखते हुए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने हवा में मौजूद गैसों के मिश्रण से ऑक्सीजन बनाने की विधि इजाद की है.

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IIP दून हवा से तैयार कर रहा आक्शीजन
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Published : Apr 21, 2020, 5:59 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 5:14 PM IST

देहरादून: देश दुनिया में कोरोना के कहर के कारण लगातार मौत की आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं देश, दुनिया में लाखों संक्रमित मामले भी सामने आ रहे हैं जो कि लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. ऐसे में हर बीतते दिन के साथ अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की मांग बढ़ने लगी है. जिसे देखते हुए देहरादून के भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में सामान्य हवा से ऑक्सीजन बनाने का काम किया जा रहा है, जो आने वाले दिनों में काफी किफायती होने वाला है.

IIP दून हवा से तैयार कर रहा आक्शीजन

IIP के वैज्ञानिकों ने वर्तमान स्थिति और भविष्य में आने वाली आफत से निपटने के लिए कमर कस चुके हैं. अस्पतालों में बढ़ती ऑक्सीजन की खपत को देखते हुए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने हवा में मौजूद गैसों के मिश्रण से ऑक्सीजन बनाने की विधि इजाद की गई है.

पढ़ें- 26 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, बिजली व्यवस्था में जुटा विभाग

कॉउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंड्रस्टीयल रिसर्च (CSIR) की 38 रासायनिक प्रयोगशालाओं में से पुणे में मौजूद नेशनल कैमिकल लैब (NCL) और देहरादून की आईआईपी लैब इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. जिसके बारे में जानकारी देते हुए आईआईपी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरती ने बताया कि यह एक तरह का पायलट प्रोजेक्ट है जिसे आगामी 6 महीने से पहले शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया फिलहाल यहां हर दिन 50 लीटर गैस बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें- सीएम बोले- मानवीय और व्यवहारिक आधार पर सुविधा उपलब्ध कराएं DM

डॉ. आरती ने बताया प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इसके लक्ष्य को और बढ़ाया जाएगा. डॉ. आरती ने कहा इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद छोटे-छोटे पोर्टेबल सिलेंडरों में ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी.

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ऐसे तैयार होती है सामान्य हवा से मेडिकल ऑक्सीजन

सबसे पहले CSIR की पुणे स्थित NCL लैब में सामान्य हवा में मौजूद तमाम गैसों के मिश्रण को पहले चरण में मेम्ब्रेन सेपरेशन के जरिये कई अलग-अलग गैसों के मिश्रण से केवल ऑक्सीजन और नाइट्रोजन को पृथक किया जाता है, जिसमें 40% ऑक्सीजन और बाकी नाइट्रोजन होती है.

पढ़ें- पंचतत्व में विलीन CM योगी के पिता आनंद बिष्ट, फूलचट्टी गंगाघाट पर की गई अंतेष्टी

इसके बाद दूसरे चरण में इस मिश्रण को देहरादून के आईआईपी की अब्जॉर्प्शन एंड मेम्ब्रेन ऑपरेशन लैब में 40% ऑक्सीजन को 93 और 95 प्रतिशत तक कि ऑक्सीजन तक ले जाया जाएगा. जिसके बाद इससे अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाली 93% ऑक्सीजन की पूर्ति की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के हेड ऑफ एरिया डॉ. सोमेन दास गुप्ता हैं जिनकी देखरेख में संस्थान की सीनियर डॉक्टर आरती इस पर काम कर रही हैं.

देहरादून: देश दुनिया में कोरोना के कहर के कारण लगातार मौत की आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं देश, दुनिया में लाखों संक्रमित मामले भी सामने आ रहे हैं जो कि लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. ऐसे में हर बीतते दिन के साथ अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की मांग बढ़ने लगी है. जिसे देखते हुए देहरादून के भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में सामान्य हवा से ऑक्सीजन बनाने का काम किया जा रहा है, जो आने वाले दिनों में काफी किफायती होने वाला है.

IIP दून हवा से तैयार कर रहा आक्शीजन

IIP के वैज्ञानिकों ने वर्तमान स्थिति और भविष्य में आने वाली आफत से निपटने के लिए कमर कस चुके हैं. अस्पतालों में बढ़ती ऑक्सीजन की खपत को देखते हुए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने हवा में मौजूद गैसों के मिश्रण से ऑक्सीजन बनाने की विधि इजाद की गई है.

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कॉउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंड्रस्टीयल रिसर्च (CSIR) की 38 रासायनिक प्रयोगशालाओं में से पुणे में मौजूद नेशनल कैमिकल लैब (NCL) और देहरादून की आईआईपी लैब इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. जिसके बारे में जानकारी देते हुए आईआईपी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरती ने बताया कि यह एक तरह का पायलट प्रोजेक्ट है जिसे आगामी 6 महीने से पहले शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया फिलहाल यहां हर दिन 50 लीटर गैस बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें- सीएम बोले- मानवीय और व्यवहारिक आधार पर सुविधा उपलब्ध कराएं DM

डॉ. आरती ने बताया प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इसके लक्ष्य को और बढ़ाया जाएगा. डॉ. आरती ने कहा इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद छोटे-छोटे पोर्टेबल सिलेंडरों में ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी.

पढ़ें- सीएम बोले- मानवीय और व्यवहारिक आधार पर सुविधा उपलब्ध कराएं DM

ऐसे तैयार होती है सामान्य हवा से मेडिकल ऑक्सीजन

सबसे पहले CSIR की पुणे स्थित NCL लैब में सामान्य हवा में मौजूद तमाम गैसों के मिश्रण को पहले चरण में मेम्ब्रेन सेपरेशन के जरिये कई अलग-अलग गैसों के मिश्रण से केवल ऑक्सीजन और नाइट्रोजन को पृथक किया जाता है, जिसमें 40% ऑक्सीजन और बाकी नाइट्रोजन होती है.

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इसके बाद दूसरे चरण में इस मिश्रण को देहरादून के आईआईपी की अब्जॉर्प्शन एंड मेम्ब्रेन ऑपरेशन लैब में 40% ऑक्सीजन को 93 और 95 प्रतिशत तक कि ऑक्सीजन तक ले जाया जाएगा. जिसके बाद इससे अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाली 93% ऑक्सीजन की पूर्ति की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के हेड ऑफ एरिया डॉ. सोमेन दास गुप्ता हैं जिनकी देखरेख में संस्थान की सीनियर डॉक्टर आरती इस पर काम कर रही हैं.

Last Updated : Apr 22, 2020, 5:14 PM IST
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