देहरादून: विश्व प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था अल्मोड़ा पहुंच गया है. अल्मोड़ा से ये दल आज धारचूला पहुंचेगा. जहां रात्रि विश्राम करेगा. यात्रा के मद्देनजर धारचूला में जिला पुलिस और प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. यहां से आगे की यात्रा पड़ाव के लिए जत्थे के साथ आगे और पीछे एक हेड और एक टेल रूप में दो सुरक्षा टीमें रहेंगी. जो यात्रियों को सकुशल आगे के गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.
धारचूला से ही मानसरोवर यात्रा जाने वाले जत्थे के साथ एक एसडीआरएफ पैरा मेडिकल टीम भी रहेगी. जो यात्रियों के साथ गुंजी गांव तक राहत के रूप में जाएगी. गुंजी गांव से मानसरोवर के बॉर्डर तक यात्रा आईटीबीपी जवानों के जिम्मे रहेगा.
एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि धारचूला से आगे नजंग क्षेत्र का दुर्गम पर्वतीय इलाकें का रास्ता काफी खराब और चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में यात्रा को सकुशल चलाने के लिए गरबाधा और लखनपुर क्षेत्र में दो अस्थाई चौकी बनाई गई है. जहां पर थाना पांग्ला से फोर्स को भेजकर यात्रियों की सुरक्षा और राहत के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है.
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उन्होंने कहा कि चीन से पहले भारत के गुंजी गांव में सीजनल थाने को भी एक्टिवेट कर स्टार्ट कर दिया गया है. जिससे मानसरोवर जत्थे को अतिरिक्त राहत दी जा सके. बता दें कि गूंजी थाना मानसरोवर यात्रा के दौरान ही कार्रवाई में रहता है. बाकी समय इस थाने को बंद कर दिया जाता है.
आईजी गुंज्याल ने बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा में ज्यादातर उम्र दराज और मैदानी इलाकों में रहने वाले श्रद्धालुओं को साढ़े पांच मीटर की ऊंचाई वाली इस यात्रा को तय करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में विशेष संसाधनों के साथ संबंधित राहत दल के द्वारा बताए सभी नियमों का पालन करें. साथ ही कहा कि ट्रैकिंग के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें.