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कैलाश यात्रा: गुंजी से आगे का सफर चुनौतीपूर्ण, चीन सीमा तक ITBP के जिम्मेः IG

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Published : Jun 13, 2019, 8:12 AM IST

इस बार धारचूला से ही मानसरोवर यात्रा जाने वाले जत्थे के साथ एक एसडीआरएफ पैरा मेडिकल टीम भी रहेगी. जो यात्रियों के साथ गुंजी गांव तक राहत के रूप में जाएगी. गुंजी गांव से मानसरोवर के बॉर्डर तक यात्रा आईटीबीपी जवानों के जिम्मे रहेगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने दिए जानकारी.

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था अल्मोड़ा पहुंच गया है. अल्मोड़ा से ये दल आज धारचूला पहुंचेगा. जहां रात्रि विश्राम करेगा. यात्रा के मद्देनजर धारचूला में जिला पुलिस और प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. यहां से आगे की यात्रा पड़ाव के लिए जत्थे के साथ आगे और पीछे एक हेड और एक टेल रूप में दो सुरक्षा टीमें रहेंगी. जो यात्रियों को सकुशल आगे के गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.

जानकारी देते एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल.


धारचूला से ही मानसरोवर यात्रा जाने वाले जत्थे के साथ एक एसडीआरएफ पैरा मेडिकल टीम भी रहेगी. जो यात्रियों के साथ गुंजी गांव तक राहत के रूप में जाएगी. गुंजी गांव से मानसरोवर के बॉर्डर तक यात्रा आईटीबीपी जवानों के जिम्मे रहेगा.


एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि धारचूला से आगे नजंग क्षेत्र का दुर्गम पर्वतीय इलाकें का रास्ता काफी खराब और चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में यात्रा को सकुशल चलाने के लिए गरबाधा और लखनपुर क्षेत्र में दो अस्थाई चौकी बनाई गई है. जहां पर थाना पांग्ला से फोर्स को भेजकर यात्रियों की सुरक्षा और राहत के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः पुलिस विभाग में यौन शोषण रोकने के लिए बना व्हाट्सएप ग्रुप, महिला कर्मचारी कर सकेंगी शिकायत


उन्होंने कहा कि चीन से पहले भारत के गुंजी गांव में सीजनल थाने को भी एक्टिवेट कर स्टार्ट कर दिया गया है. जिससे मानसरोवर जत्थे को अतिरिक्त राहत दी जा सके. बता दें कि गूंजी थाना मानसरोवर यात्रा के दौरान ही कार्रवाई में रहता है. बाकी समय इस थाने को बंद कर दिया जाता है.


आईजी गुंज्याल ने बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा में ज्यादातर उम्र दराज और मैदानी इलाकों में रहने वाले श्रद्धालुओं को साढ़े पांच मीटर की ऊंचाई वाली इस यात्रा को तय करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में विशेष संसाधनों के साथ संबंधित राहत दल के द्वारा बताए सभी नियमों का पालन करें. साथ ही कहा कि ट्रैकिंग के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें.

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था अल्मोड़ा पहुंच गया है. अल्मोड़ा से ये दल आज धारचूला पहुंचेगा. जहां रात्रि विश्राम करेगा. यात्रा के मद्देनजर धारचूला में जिला पुलिस और प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. यहां से आगे की यात्रा पड़ाव के लिए जत्थे के साथ आगे और पीछे एक हेड और एक टेल रूप में दो सुरक्षा टीमें रहेंगी. जो यात्रियों को सकुशल आगे के गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.

जानकारी देते एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल.


धारचूला से ही मानसरोवर यात्रा जाने वाले जत्थे के साथ एक एसडीआरएफ पैरा मेडिकल टीम भी रहेगी. जो यात्रियों के साथ गुंजी गांव तक राहत के रूप में जाएगी. गुंजी गांव से मानसरोवर के बॉर्डर तक यात्रा आईटीबीपी जवानों के जिम्मे रहेगा.


एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि धारचूला से आगे नजंग क्षेत्र का दुर्गम पर्वतीय इलाकें का रास्ता काफी खराब और चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में यात्रा को सकुशल चलाने के लिए गरबाधा और लखनपुर क्षेत्र में दो अस्थाई चौकी बनाई गई है. जहां पर थाना पांग्ला से फोर्स को भेजकर यात्रियों की सुरक्षा और राहत के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है.

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उन्होंने कहा कि चीन से पहले भारत के गुंजी गांव में सीजनल थाने को भी एक्टिवेट कर स्टार्ट कर दिया गया है. जिससे मानसरोवर जत्थे को अतिरिक्त राहत दी जा सके. बता दें कि गूंजी थाना मानसरोवर यात्रा के दौरान ही कार्रवाई में रहता है. बाकी समय इस थाने को बंद कर दिया जाता है.


आईजी गुंज्याल ने बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा में ज्यादातर उम्र दराज और मैदानी इलाकों में रहने वाले श्रद्धालुओं को साढ़े पांच मीटर की ऊंचाई वाली इस यात्रा को तय करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में विशेष संसाधनों के साथ संबंधित राहत दल के द्वारा बताए सभी नियमों का पालन करें. साथ ही कहा कि ट्रैकिंग के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें.

Intro:pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था बुद्धवार शाम अल्मोड़ा पहुँचेगा जहां रात्रि विश्राम कर कल गुरुवार मिरती होते हुए धारचूला पहुँचेगा जहाँ रात्रि विश्राम करेगा। धारचूला में जिला पुलिस व प्रशासन की तरफ से यात्रा को लेकर सभी तैयारियां यात्रा पूरा किया जा रहा हैं, यहाँ से आगे की यात्रा पड़ाव के लिए जत्थे के साथ आगे और पीछे एक हेड और एक टेल रूप में दो सुरक्षा टीमें रहेंगी जो यात्रियों को सकुशल आगे के गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य करेंगे. इतना ही नहीं धारचूला से ही मानसरोवर यात्रा जाने वाले जत्थे के साथ एक एसडीआरएफ पैरा मेडिकल टीम भी रहेगी जो यात्रियों के साथ गुंजी गाँव तक राहत के रूप में जाएगी। चीन के समीप गुंजी गाँव से आगे की मानसरोवर यात्रा के बॉर्डर तक का ज़िम्मा आईटीबीपी जवानों का रहेगा।


Body:अल्मोड़ा से लेकर चीन से सटे गुंजी गाँव तक यात्रा को लेकर विशेष व्यवस्था:आईजी एसडीआरएफ

वही मानसरोवर यात्रा के संबंध में विशेष जानकारी रखने वाले एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि धारचूला से आगे नजंग क्षेत्र का दुर्गम पर्वतीय इलाकें का रास्ता काफी खराब और चुनौतीपूर्ण है ऐसे में यात्रा को सकुशल बहाल रखने के लिए गरबाधा और लखनपुर क्षेत्र में दो अस्थाई चौकी बनाई गई है जहां थाना पांग्ला से फोर्स को भेजकर यात्रियों की सुरक्षा व राहत के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।
आईजी गुंज्याल के अनुसार चीन से पहले भारत के गुंजी गाँव में सीजनल थाने को भी एक्टिवेट कर स्टार्ट कर दिया गया है ताकि मानसरोवर जत्थे को अतिरिक्त राहत दी जा सके। गूंजी थाना मानसरोवर यात्रा के दौरान ही कार्रवाई में रहता है बाकी समय इस थाने को बंद कर दिया जाता है।

बाईट-संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ

मानसरोवर यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है: आईजी एसडीआरएफ

एशिया की अधिकतम ऊंचाई वाले यात्राओं में से एक मानसरोवर यात्रा के लिए विशेष एहतियात बरतने की सलाह देते हुए इस यात्रा के जानकार एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा में ज्यादातर उम्र दराज और मैदानी इलाकों में 500 फिट तक रहने वाले श्रद्धालुओं को इस साढ़े पांच मीटर की इस ऊंचाई वाली यात्रा को तय करना कई मायने में चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे भी जरूरी हैं की इस यात्रा में आप अपने विशेष संसाधनों के साथ यात्रा की दौरान संबंधित राहत दल द्वारा बताए गए सभी तरह नियमों को अनुशरण करते हुए अनुशासित बने रहे। इतना ही नहीं इस यात्रा के दौरान कठिन पहाड़ी ट्रैकिंग के सफर में कई तरह के बताये जाने वाले सावधानी व उपाय पूरा करने में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें ताकि इस ऐतिहासिक हिमालय की पैदल यात्रा को सकुशल पूरा किया जा सके।


बाईट-संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ


Conclusion:एशिया की सबसे ऊंची यात्राओं में से एक मानसरोवर यात्रा विश्व की सबसे प्रसिद्ध यात्रा मानी जाती हैं। इस बार मानसरोवर यात्रा के लिए 18 दल है सभी दल भारी प्राकृतिक चुनौतियों के सफर को पार करते हुए चीन से सटी मानसरोवर यात्रा के लिए पहुंचेंगे जानकारी के मुताबिक इस बार मानसरोवर गंतव्य में दर्शन करने के बाद सभी दलों को वापस भारत के रास्ते वापस आना होगा।
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