देहरादून: द्वाराहाट विधायक महेश नेगी पर एक महिला ने दुष्कर्म और ब्लैक मेलिंग का आरोप लगाया था. इसकी जांच दून पुलिस द्वारा की जा रही थी. लेकिन महिला पक्ष दून पुलिस की कार्रवाई और जांच से पहले दिन से ही संतुष्ट नहीं था. जिसके कारण आईजी अभिनव कुमार द्वारा दोनों मुकदमों की जांच देहरादून पुलिस से हटाकर पौड़ी पुलिस को सौंपी गयी है.
आईजी अभिनव कुमार ने कहा है कि महिला पक्ष पहले दिन से यह आरोप लगा रहा था कि दून पुलिस उनकी किसी भी विषय पर सुनवाई नहीं कर रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन से पता चलता है कि दुष्कर्म मामले में पीड़िता द्वारा दिए गए बयान के हर पहलू की जांच की जाए. साथ ही पीड़िता के असंतुष्टि वाले बिंदुओं पर सुनवाई की जाए. इसी के मद्देनजर जांच पौड़ी ट्रांसफर की गई हैं.
वहीं, आईजी गढ़वाल ने पौड़ी एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि पौड़ी के महिला थाने में एक ही जांच विवेचक अधिकारी से दोनों मुकदमों की जांच निष्पक्ष और पारदर्शी की तरीके से कराई जाए. ताकि दोनों ही पक्षों में किसी तरह का कोई विरोधाभास न हो. मिली जानकारी के मुताबिक अब पीड़ित महिला पक्ष की ओर से बच्चे की डीएनए जांच को लेकर भी पुलिस कोर्ट से अनुमति के लिए अपील कर सकती है.
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गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार ने कहा कि जब महिला पक्ष देहरादून पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है, तो ऐसे में सर्वोच्च अदालत की गाइडलाइन के अनुसार दुष्कर्म मामले में पीड़िता की मांग अनुसार जांच कराना आवश्यक है. पौड़ी महिला थाने को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि दुष्कर्म और ब्लैक मेलिंग दोनों ही मामले की जांच एक ही विवेचक द्वारा कराई जाएगी. ताकि पूरे प्रकरण की कड़ियां जोड़ते हुए केस को निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके. इस संवेदनशील प्रकरण में एक पक्ष चार्जशीट तैयार होगी और दूसरे पक्ष की फाइनल रिपोर्ट (FR) तैयार की जा सकेगी.