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निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम, फीस वसूली के लिए बनाया दबाव तो होगी कार्रवाई

अभिभावकों की तरफ से लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही है कि कुछ प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे है और पूरी फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे है. ऐसे में अब शिक्षा विभाग की तरह से स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते है. यदि अलग के किसी फीस के दबाव बनाया गया तो कार्रवाई की जाएगी.

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Published : May 21, 2021, 8:10 PM IST

schools fees news
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देहरादून: कोरोना काल में सभी स्कूल बदं है. ऐसे में स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने की अनुमति दी गई है. सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते है. बावजूद इसके कुछ स्कूलों की मनमानी जारी है. हालांकि अब ऐसे स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने सख्ती करने का मन बना लिया है.

दरअसल, अभिभावकों की तरफ से लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही है कि कुछ प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे है और पूरी फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे है. जबकि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान सिर्फ ट्यूशन लेने को कहा गया है. इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडे की तरफ से एक आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट है कि ऐसे स्कूल जो कोरोना काल में ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में फीस वसूल रहे हैं, उन्हें चिन्हिंत कर कार्रवाई अमल में लाई जाए.

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शिक्षा विभाग का आदेश.

पढ़ें- कोरोना वॉरियर्स ट्रक ड्राइवर्स को खाना दे रही 'पुलिस की रसोई'

शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडे ने इस संंबंध में समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस देने वाले सभी निजी स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही वसूल सकते हैं. यदि कोई अभिभावक ट्यूशन फीस देने में असमर्थ है तो अभिभावक विद्यालय के प्राचार्य या प्रबंध समिति से शुल्क जमा करने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध कर सकता है. इस स्थिति में छात्रों को शुल्क जमा करने में हुई देरी की वजह से स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.

इसके साथ ही जो स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा विभिन्न मदों जैसे खेल और कंप्यूटर लैंब आदि की फीस जमा करने का दबाव अभिभावकों पर बना रहे हैं, उन्हें चिन्हिंत कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए.

देहरादून: कोरोना काल में सभी स्कूल बदं है. ऐसे में स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने की अनुमति दी गई है. सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते है. बावजूद इसके कुछ स्कूलों की मनमानी जारी है. हालांकि अब ऐसे स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने सख्ती करने का मन बना लिया है.

दरअसल, अभिभावकों की तरफ से लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही है कि कुछ प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे है और पूरी फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे है. जबकि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान सिर्फ ट्यूशन लेने को कहा गया है. इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडे की तरफ से एक आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट है कि ऐसे स्कूल जो कोरोना काल में ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में फीस वसूल रहे हैं, उन्हें चिन्हिंत कर कार्रवाई अमल में लाई जाए.

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शिक्षा विभाग का आदेश.

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शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडे ने इस संंबंध में समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस देने वाले सभी निजी स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही वसूल सकते हैं. यदि कोई अभिभावक ट्यूशन फीस देने में असमर्थ है तो अभिभावक विद्यालय के प्राचार्य या प्रबंध समिति से शुल्क जमा करने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध कर सकता है. इस स्थिति में छात्रों को शुल्क जमा करने में हुई देरी की वजह से स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.

इसके साथ ही जो स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा विभिन्न मदों जैसे खेल और कंप्यूटर लैंब आदि की फीस जमा करने का दबाव अभिभावकों पर बना रहे हैं, उन्हें चिन्हिंत कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए.

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