देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय में शासन ने 3 बड़े अधिकारियों के विभागों में फेरबदल किया है. मुख्य सचिव के बाद अब अपर मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary) से उनके विभागों को हटाया गया है. अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी (Radha Raturi) से कार्मिक विभाग और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री का चार्ज हटा दिया गया है.
इन अधिकारियों के विभागों में फेरबदलः आईएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी (Radha Raturi) से कार्मिक विभाग वापस लेकर उन्हें अध्यक्ष यूपीसीएल यूजेवीएनएल (UPCL UJVNL) और पिटकुल का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा उन्हें अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री से भी हटा दिया गया है.
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प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी के महत्वपूर्ण विभाग कार्मिक और मुख्यमंत्री स्टाफ की जिम्मेदारी अब आईएएस अधिकारी अरविंद सिंह ह्यांकी को दी गई है. उनके पास से आयुक्त कुमाऊं मंडल, निदेशक आरएस टोलिया प्रशासनिक अकादमी नैनीताल का अतिरिक्त प्रभार व सचिव मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है.
वित्त सेवा के अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान से भी अपर सचिव मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार हटा दिया गया है.
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ब्यूरोक्रेसी में मुख्य सचिव के बाद नंबर टू मानी जाती हैं. उत्तराखंड में मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे मौजूद 1988 बैच की आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी उत्तराखंड मूल की हैं. वह पहली महिला अधिकारी हैं जिन्हें मुख्य सचिव की दौड़ होने के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिलहाल किनारे कर दिया है. इसके पीछे राधा रतूड़ी की तुनक मिजाजी एक सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है.
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि राधा रतूड़ी सीनियर हैं. एक महिला अधिकारी हैं और उत्तराखंड से आती हैं. लेकिन वहीं दूसरी तरफ राधा रतूड़ी की कार्यशैली को लेकर समय-समय पर सवाल उठते आए हैं. बात चाहे कर्मचारियों के असंतोष की हो या फिर सचिवालय में मीडिया को प्रतिबंधित करने की हो, ये कारण उनके खिलाफ चले गए. हालांकि पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव, राधा रतूड़ी के इन कार्यों से काफी खुश थे. मगर जब प्रदेश में मुख्यमंत्री बदला, मुख्य सचिव बदला लेकिन सचिवालय की व्यवस्था नहीं बदली तो आखिरकार मुख्यमंत्री को यह निर्णय लेना पड़ा.
आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी ब्यूरोक्रेसी में एक वरिष्ठ अधिकारी हैं. लिहाजा उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय के कामों से तो मुक्त किया गया लेकिन इसके बदले उन्हें ऊर्जा से जुड़े तमाम निगमों की जिम्मेदारी दी गई है जो कि एक बड़ी जिम्मेदारी है. हालांकि सरकार की मेन स्ट्रीम से अलग हो चुकीं राधा रतूड़ी के पास अभी भी सचिवालय प्रशासन और तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग बाकी हैं.