विकासनगर: देहरादून की प्रत्येक न्याय पंचायत में कृषि अधिकारी के निर्देश पर 2 से 5 सितंबर तक किसानों के लिए पेंशन पंजीकरण कार्यक्रम शुरु किया गया है. बावजूद इसके 2 और 3 सितंबर को न्याय पंचायत उदपालटा के साथ कई अन्य पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे, और ना ही विभाग द्वारा किसानों को कोई जानकारी दी गई है. जिसके चलते किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाया. जिसके बाद से किसानों में विभाग के प्रति खासा रोष देखने को मिल रहा है.
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत सभी भू-धारकों और सीमांत किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच अर्जित करने के उद्देश्य से वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू की गई है. जो एक स्वैच्छिक और अंशदाई पेंशन योजना है. यह योजना 9 अगस्त 2019 से प्रभावी है. वहीं इस योजना के तहत जिले के मुख्य कृषि अधिकारी ने कृषि विभाग को प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 2 सितंबर से 5 सितंबर तक अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उदपालटा के साथ ही कई अन्य न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे. जिसके चलते किसानों के पंजीकरण नहीं हो पाए.
जानकारी के मुताबिक योजना के तहत 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लघु सीमांत किसान की 2 हेक्टेयर तक की भूमि योजना में सम्मिलित हो सकती है. साथ ही किसान पेंशन सहयोग राशि के तौर पर किसान 55 रुपये से 200 रुपये तक प्रतिमाह जमा कर सकते हैं. जिसके बाद जमा धनराशि को भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को दिया जाएगा. जिसके चलते योजना में सम्मिलित किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद आजीवन 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती रहेगी.
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मामले को लेकर किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पंजीकरण के लिए विभाग द्वारा किसानों को कोई सूचना नहीं दी गई है. जिसके चलते किसान पंजीकरण नहीं करा सके. उन्होंने कहा कि इसमें विभाग द्वारा लापरवाही बरती गई है. दोषी कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.