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किसान वृद्धावस्था पेंशन योजना में कृषि विभाग की लापरवाही, पंजीकरण नहीं करा पाए सैकड़ों किसान

मुख्य कृषि अधिकारी के निर्देश पर 2 से 5 सितंबर तक किसानों के लिए पेंशन पंजीकरण कार्यक्रम शुरु किया गया है, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी उदपालटा के साथ कई अन्य न्याय पंचायतों में नहीं पहुंचे. जिससे किसानों में रोष है.

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में नहीं हुआ कई किसानों का पंजीकरण.
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Published : Sep 3, 2019, 10:48 PM IST

विकासनगर: देहरादून की प्रत्येक न्याय पंचायत में कृषि अधिकारी के निर्देश पर 2 से 5 सितंबर तक किसानों के लिए पेंशन पंजीकरण कार्यक्रम शुरु किया गया है. बावजूद इसके 2 और 3 सितंबर को न्याय पंचायत उदपालटा के साथ कई अन्य पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे, और ना ही विभाग द्वारा किसानों को कोई जानकारी दी गई है. जिसके चलते किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाया. जिसके बाद से किसानों में विभाग के प्रति खासा रोष देखने को मिल रहा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत सभी भू-धारकों और सीमांत किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच अर्जित करने के उद्देश्य से वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू की गई है. जो एक स्वैच्छिक और अंशदाई पेंशन योजना है. यह योजना 9 अगस्त 2019 से प्रभावी है. वहीं इस योजना के तहत जिले के मुख्य कृषि अधिकारी ने कृषि विभाग को प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 2 सितंबर से 5 सितंबर तक अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उदपालटा के साथ ही कई अन्य न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे. जिसके चलते किसानों के पंजीकरण नहीं हो पाए.

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में नहीं हुआ कई किसानों का पंजीकरण.

जानकारी के मुताबिक योजना के तहत 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लघु सीमांत किसान की 2 हेक्टेयर तक की भूमि योजना में सम्मिलित हो सकती है. साथ ही किसान पेंशन सहयोग राशि के तौर पर किसान 55 रुपये से 200 रुपये तक प्रतिमाह जमा कर सकते हैं. जिसके बाद जमा धनराशि को भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को दिया जाएगा. जिसके चलते योजना में सम्मिलित किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद आजीवन 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती रहेगी.

ये भी पढ़े: 'जरायम' के चुंगल में फंसता जा रह है बच्चों का 'मुस्तकबिल'

मामले को लेकर किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पंजीकरण के लिए विभाग द्वारा किसानों को कोई सूचना नहीं दी गई है. जिसके चलते किसान पंजीकरण नहीं करा सके. उन्होंने कहा कि इसमें विभाग द्वारा लापरवाही बरती गई है. दोषी कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.

विकासनगर: देहरादून की प्रत्येक न्याय पंचायत में कृषि अधिकारी के निर्देश पर 2 से 5 सितंबर तक किसानों के लिए पेंशन पंजीकरण कार्यक्रम शुरु किया गया है. बावजूद इसके 2 और 3 सितंबर को न्याय पंचायत उदपालटा के साथ कई अन्य पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे, और ना ही विभाग द्वारा किसानों को कोई जानकारी दी गई है. जिसके चलते किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाया. जिसके बाद से किसानों में विभाग के प्रति खासा रोष देखने को मिल रहा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत सभी भू-धारकों और सीमांत किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच अर्जित करने के उद्देश्य से वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू की गई है. जो एक स्वैच्छिक और अंशदाई पेंशन योजना है. यह योजना 9 अगस्त 2019 से प्रभावी है. वहीं इस योजना के तहत जिले के मुख्य कृषि अधिकारी ने कृषि विभाग को प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 2 सितंबर से 5 सितंबर तक अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उदपालटा के साथ ही कई अन्य न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे. जिसके चलते किसानों के पंजीकरण नहीं हो पाए.

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में नहीं हुआ कई किसानों का पंजीकरण.

जानकारी के मुताबिक योजना के तहत 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लघु सीमांत किसान की 2 हेक्टेयर तक की भूमि योजना में सम्मिलित हो सकती है. साथ ही किसान पेंशन सहयोग राशि के तौर पर किसान 55 रुपये से 200 रुपये तक प्रतिमाह जमा कर सकते हैं. जिसके बाद जमा धनराशि को भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को दिया जाएगा. जिसके चलते योजना में सम्मिलित किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद आजीवन 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती रहेगी.

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मामले को लेकर किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पंजीकरण के लिए विभाग द्वारा किसानों को कोई सूचना नहीं दी गई है. जिसके चलते किसान पंजीकरण नहीं करा सके. उन्होंने कहा कि इसमें विभाग द्वारा लापरवाही बरती गई है. दोषी कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई गई सभी भू धारक लघु व सीमांत किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना को कृषि विभाग लगा रहा पलीता विभाग द्वारा जिला देहरादून में प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 2 सितंबर से 5 सितंबर तक का आयोजन होने वाले कार्यक्रमों में किसान पेंशन पंजीकरण मुख्य कृषि अधिकारी के निर्देश पर करवाया जाना सुनिश्चित किया गया बावजूद इसके 2 सितंबर व 3 सितंबर को न्याय पंचायत उदपालटा व कई न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे ना ही किसानों को इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त है जिससे कि किसानों में खासा रोष देखने को मिला


Body:प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत सभी भू धारक लघु व सीमांत किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच अर्जित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा देश के सभी भू धारक लघु व सीमांत किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना नाम से वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू की गई है जो कि एक स्वैच्छिक एवं अंशदाई पेंशन योजना है यह योजना 9 अगस्त 2019 से प्रभावी है इस योजना के तहत जिला देहरादून मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा कृषि विभाग के प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 2 सितंबर से 5 सितंबर तक किसानों का पंजीकरण कराना सुनिश्चित किया गया था बावजूद इसके 2 सितंबर 3 सितंबर को न्याय पंचायत उदपालटा व कई अन्य में कोई भी कृषि विभाग का अधिकारी नहीं पहुंचा इस कारण से किसानों के पंजीकरण नहीं हो पाए योजना के तहत 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लघु सीमांत किसान के पास 2 हेक्टेयर तक की भूमि योजना में सम्मिलित हो सकते हैं 18 में 40 वर्ग आयु के किसान पेंशन सहयोग राशि ₹55 से ₹200 तक प्रतिमाह जमा कर सकते हैं इससे ही धनराशि भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को दी जाएगी योजना में सम्मिलित किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद आजीवन रुपए 3000 प्रतिमाह पेंशन मिलती रहेगी


Conclusion:वही किसान बलवीर सिंह किसान कुंदन सिंह आदि किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पंजीकरण के लिए विभाग द्वारा कोई सूचना नहीं है जिस कारण से हम पंजीकरण नहीं करा सके इसमें विभाग द्वारा लापरवाही बरती गई है दोषी कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए

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