देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी 'ऑल वेदर रोड' परियोजना पर काम चल रहा है. इस परियोजना के तहत उत्तराखंड स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिए ऐसे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया जा रहा है, जो ठंडी, गर्मी और बरसात तीनों सीजन में खुला रहेगा. ऑल वेदर रोड को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की बैठक बिना अध्यक्ष की अनुमति बुलाए जाने पर बखेड़ा खड़ा हो गया है.
शनिवार को मामला चर्चा में तब आया जब गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन द्वारा हाई पावर कमेटी की बैठक बुलाई गई. लेकिन इस बैठक में कमेटी अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने शामिल होने से साफ इनकार कर दिया. बावजूद इसके गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में बैठक बुलाए जाने पर हाई पावर कमिटी के अध्यक्ष रवि चोपड़ा नाराज हो गए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का आरोप तक लगाया.
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हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने बयान जारी करते हुए कहा कि देहरादून में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक पूरी तरह से अनाधिकृत है. बैठक के जरिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है. उन्होंने कहा कि यह बैठक सदस्य, सचिव द्वारा बुलाई गई है. लेकिन कमेटी के अध्यक्ष ने इसका बहिष्कार किया है. रवि चोपड़ा ने कहा कि यह सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में दखल का एक बड़ा प्रमाण है.
'ऑल वेदर रोड' प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई भी करनी पड़ी है. सुप्रीम कोर्ट ने 'ऑल वेदर रोड' की चौड़ाई हर जगह 5.5 मीटर करने का आदेश दिया है. जिसके बाद हाई पावर कमेटी और सरकार के बीच ठनी हुई है. हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष रवि चोपड़ा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उचित कदम है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार की तरफ से इस मामले पर पुनर्विचार दाखिल करने पर विचार किया जा रहा है.
क्या है चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड?
चारधाम ऑलवेदर रोड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यहां बनने वाली सड़कों को हर मौसम के हिसाब से बनाया जाएगा. हिमालयी क्षेत्रों में बरसात के मौसम में अक्सर पहाड़ों के दरकने से सड़कें टूट जाती हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं. लेकिन यह समस्या सड़क की नहीं, पहाड़ों की है.
इस प्रोजेक्ट में करीब 900 किमी लंबी सड़क को चौड़ा किया जाना है. यह सड़क उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, युमनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की कनेक्टिविटी वाली सड़क है. यह सड़क कैलास मानसरोवर तक भी जाती है. चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड न केवल उत्तराखंड सरकार बल्कि भारत सरकार के लिए भी काफी अहम है. राज्य और केंद्र सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन की वजह से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.