देहरादून: जिले में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और 45 से 60 साल तक के बीमार लोगों को सोमवार से कोरोना का टीका लगना शुरू हो गया है. इस उम्र के लोग टीकाकरण केंद्र पर जाकर या खुद घर बैठे केंद्र सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद सेंटर पर जाकर टीका लगवा सकते हैं.
सोमवार को दून अस्पताल और गांधी शताब्दी सहित जिले के 22 केंद्रों पर कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हो गई है. लोगों को पंजीकरण कराने में दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर आज आपको बातएंगे की बुजुर्गो को किस तरह से वेक्सीन के लिए पंजीकरण कराना होगा!
बता दें कि www.cowin.gov.in पर जाकर पंजीकरण कर सकेंगे. ऐप में अपना नंबर डालें और ओटीपी आने के बाद अपना सत्यापन करें. रजिस्ट्रेशन ऑफ वेक्सिनेशन का पेज खुल जायेगा. इसमें पहचान से जुड़े दस्तावेज की जानकारी भरनी होगी और फिर रजिस्टर के बटन को दबा दीजिए. पंजीकरण होने के बाद अकॉउंट डिटेल का विकल्प खुलेगा. पंजीकरण करने के बाद नजदीक सेंटर का विकल्प मिलेगा और उसके बाद आप सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं. साथ ही टीका लगवाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड और फोटो के साथ पेंशन के दस्तावेज में किसी एक दस्तावेज को साथ रखना होगा.
वहीं, जिन लोगों की उम्र 45 साल से 59 साल है, उन्हें डॉक्टर का जारी किया हुआ बीमारी का प्रमाण पत्र अपने साथ रखना होगा. पंजीकरण करने वाला व्यक्ति तीन और लोगों को उससे जोड़ सकता है. बता दें कि विभाग के अनुसार प्रदेश भर में 15 लाख बुर्जर्गों को टिका लगना है. वहीं इसका 20 प्रतिशत देहरादून जिले में है.
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वहीं, सीडीओ निकिता खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 60 साल से अधिक बुजुर्गों को वेक्सीन लगना शुरू हो गया है. यह लोग वैक्सीन लगवाने के लिए कोविड पोर्टल के ऐप को डाउनलोड करने के बाद उसमें रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. रजिस्टर्ड होने के बाद ऐप में नज़दीकी सेंटर की जानकारी मिल जाएगी और उसमें रजिस्ट्रेशन के बाद सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं. यदि किसी को रजिस्ट्रेशन में समस्या आती है, तो ऐसे में सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा कर टीका लगवा सकते हैं.
वर्तमान में देहरादून में 22 सेंटर चल रहे हैं, जिसमें शहर और ग्रामीण में सीएससी रखे हैं. साथ ही कुछ प्राइवेट अस्पताल में टीकाकरण हो रहा है. पहले दिन ऐप में दिक्कतें आने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिस कारण पहले दिन कम ही टीकाकरण हुआ था.