देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए बच्चों के उपचार को लेकर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न संसाधनों को जुटाने की कसरत की जा रही है. इस दिशा में कोरोना के दौरान बच्चों को क्या और कैसा उपचार दिया जाए इस पर भी मेडिकल प्रोटोकॉल तैयार किया जा रहा है. इसके लिए तकनीकी कमेटी ने राज्य सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं.
प्रदेश में एक तरफ अस्पतालों को बच्चों के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ उपचार के प्रोटोकॉल पर भी मंथन जारी है. राज्य में संक्रमण को लेकर सभी तरह के उपचारों से जुड़ी व्यवस्थाओं और प्रोटोकॉल को तय करने के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति हेमचंद्र के अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. ऐसे में अब तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए यह कमेटी बच्चों के उपचार की दिशा में भी दवाइयों से लेकर जरूरी ट्रीटमेंट के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर रही है.
बता दें कि, प्रदेशभर के अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू, निक्कू आईसीयू और बेड की व्यवस्था की जा रही है ताकि बच्चों के लिए अस्पतालों में व्यवस्थाओं की कमी न पड़े. फिलहाल तकनीकी समिति ने 18 साल तक के बच्चों के लिए 3 कैटेगरी तैयार की है. इसमें छोटे बच्चों के लिए सिरप फॉर्म में कौन-कौन सी विटामिन जी जानी है इस पर भी निर्णय लिया गया है. बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए विटामिन ए, सी, डी, जिंक की खुराक तय की गई है.
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वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना हैं कि संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को पोषक आहार फाइबर युक्त भोजन और अधिक लेना चाहिए. उत्तराखंड में दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हुए हैं यह आंकड़ा 18 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए करीब 28,000 रहा है. इस लिहाज से अब दवाई के प्रोटोकॉल को लेकर राज्य भर में अस्पतालों को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.