मसूरी: आज मसूरी गोलीकांड को 27 साल पूरे हो चुके हैं. गोलीकांड के अवसर पर मसूरी शिफन कोर्ट से बेघर हुए 84 परिवार शहीद स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने प्रदेश सरकार और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी और वहीं पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वहीं शहीद स्थल पर प्रदर्शन करने को लेकर शहीदों के परिजनों ने कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की विफलता साफ तौर पर दिख रही है.
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मसूरी सीओ नरेंद्र पंत द्वारा प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर समझाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही शहीद स्थल को खाली कराने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन प्रदर्शनकारी हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं पुलिस-प्रशासन ने प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनाती की है.
बता दें कि, आज 11 बजे के करीब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व मसूरी शहीद स्थल पहुंचने वाले हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पहले मुख्यमंत्री से वार्ता करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वह शहीद स्थल को खाली नहीं करेंगे जब तक उनको शिफन कोर्ट के लोगों को विस्थापन करने का ठोस जवाब नहीं मिल जाता.
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वहीं, शहीद स्थल पर प्रदर्शन करने को लेकर शहीदों के परिजनों ने कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की विफलता साफ तौर पर दिख रही है. उन्होंने कहा कि कैसे प्रदर्शनकारी शहीद स्थल तक पहुंच गए, ये खुद सवाल है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन द्वारा मसूरी गोलीकांड की बरसी के अवसर पर मसूरी को छावनी में बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है.
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और पुलिस पर उनके आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस लगातार उनको धमकाने का काम कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा उनके साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रदर्शन कर रहे आरपी बडोनी ने कहा कि प्रशासन और पुलिस उन पर लगातार दबाव बना रहा है. मसूरी पुलिस और प्रशासन द्वारा उनको शहीद स्थल खाली करने के लिए कहा जा रहा है. जिसको वह खाली नहीं करेंगे.