देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य एड्स काउंसिल की चौथी बैठक हुई. बैठक में एचआईवी पॉजिटिव से जुड़ी जानकारियां लोगों तक पहुंचाने और उसको लेकर जागरूकता बढ़ाने पर मंथन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, आयुष मंत्री हरक सिंह रावत समेत तमाम अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य एड्स काउंसिल की बैठक समय-समय पर आयोजित की जाए. उन्होंने कहा कि एड्स के प्रति जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एड्स और उसके कारणों पर अध्ययन किया जाना चाहिए. ताकि राज्य एड्स काउंसिल के गठन का उद्देश्य पूर्ण हो सके. इसके अलावा अध्ययन से प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर एड्स पर नियंत्रण हेतु योजनाएं बनायी जा सकेंगी.
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक विभाग, संगठन और संस्थान द्वारा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम हेतु एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए. एचआईवी की रोकथाम और नियंत्रण हेतु निर्धारित विशेष दिवसों जैसे राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस और विश्व एड्स दिवस के साथ ही समय-समय पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के एच.आई.वी संक्रमित व्यक्तियों को ए.आर.टी. की दवा प्राप्त करने ए.आर.टी. केंद्र आने-जाने हेतु उत्तराखंड रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाए. प्रदेश के एच.आई.वी संक्रमित व्यक्ति जो प्रदेश के मूल या स्थायी निवासी हैं और राज्य में ए.आर.टी केंद्रओ में इलाज करवा रहे हैं उनको आर्थिक सहायत हेतु 1000 की पेशन दी जाए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए चिकित्सकों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए. इसके लिए कार्यक्रम के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों को भी राज्य के अन्य सामान्य चिकित्सकों (संविदा) की भांति ही मानदेय दिया जाएगा. इस पर होने वाले अतिरिक्त व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी.