देहरादूनः उत्तराखंड में महाविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर तिथियां घोषित कर दी गई है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज उच्च शिक्षा विभाग की बैठक हुई. जिसमें महाविद्यालयों में छात्रों की परीक्षाओं को कराए जाने पर चिंतन किया गया. जिसके बाद आगामी 24 अगस्त से परीक्षाएं शुरू करने पर निर्णय लिया गया है.
महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रों की परीक्षाओं के लिए आज बैठक के बाद अहम निर्णय लिया गया है. बैठक में फैसला लिया गया कि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं 24 अगस्त से 25 सितंबर तक आयोजित की जाए. जबकि, 25 अक्टूबर तक परीक्षाफल घोषित कर दिया जाएगा और 1 नवंबर से नया सत्र भी शुरू किया जाएगा.
इसके अलावा पुराने छात्र-छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षाएं यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार अगली कक्षाओं के प्रमोट करते हुए 5 अगस्त तक परीक्षाफल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी जाएगी. 12वीं के परीक्षाफल घोषित होने के साथ ही समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों बीए, बीएससी, एम, एमएससी आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष हेतु प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. वहीं, 1 नवंबर से कक्षाएं शुरू होंगी.
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बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बताया कि राज्य के कई महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को कोविड-19 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जिसके चलते परेशानी आ सकती है. जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड-19 के दृष्टिगत जिन विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं. संबंधित संस्थान के मुखिया के ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 25 जुलाई तक क्वारंटाइन सेंटर खाली कराते हुए अन्यत्र शिफ्ट करा दिए जाए. साथ ही छात्रों के आने से पहले सैनिटाइजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में करीब 3 लाख छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा में अध्यनरत हैं. जिनमें से करीब 80 हजार छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 25 हजार छात्र-छात्राएं बाहरी राज्यों से अध्यनरत हैं.
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जिन्हें परीक्षा से पहले 1 अगस्त तक संबंधित विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में अपनी उपस्थिति देनी होगी, लेकिन उनके लिए शर्त रखी गई है, वो अपने प्रदेशों से कोविड-19 का टेस्ट कराते हुए प्रमाण-पत्र भी साथ लेकर आएं. जिससे क्वारंटाइन की अनिवार्यता से बचा जा सके.
बैठक में प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन ने बताया कि यूजीसी की ओर से पहले शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय आने संबंधित जो छूट दी गई थी, वह खत्म कर दी गई है. अब सभी प्राचार्यों, शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा. आदेशों का पालन न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.