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रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने की नई पहल

पिछले कई दशकों से रिसर्च के प्रोजेक्ट में जो गति आनी चाहिए थी वो नहीं आई. लिहाजा केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि रिसर्च के प्रोजेक्ट में ध्यान देकर इसको आगे बढ़ाया जाए. ताकि रिसर्च आम जनता तक पहुंच सके और उसे उसका लाभ मिल सके.

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Published : Jan 6, 2020, 8:51 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के तमाम क्षेत्रों में चल रही रिसर्च को बढ़ावा देने और उसे जनता तक पहुंचाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग नई पहल करने जा रहा है. इसके तहत अब प्रदेश में यूजीसी के नियमों के तर्ज पर ही प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी. प्रोफेसरों द्वारा किये गए रिसर्च की पब्लिकेशन को भी देखा जाएगा. ताकि रिसर्च को बढ़ावा दिया जा सके.

भारत सरकार की प्राथमिकता है कि जो भी रिसर्च के प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसमें गति आये. क्योंकि पिछले कई दशकों से रिसर्च के प्रोजेक्ट में जो गति आनी चाहिए थी वो नहीं आई. लिहाजा केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि रिसर्च के प्रोजेक्ट पर ध्यान देकर इसको आगे बढ़ाया जाए. ताकि रिसर्च आम जनता तक पहुंच सके और उसे उसका लाभ मिल सके.

उच्च शिक्षा विभाग ने की नई पहल

पढ़ें- कार्य मंत्रणा बैठक में तय हुआ एजेंडा, आरक्षण को 10 साल बढ़ाए जाने का आएगा प्रस्ताव

प्रभारी सचिव उच्च शिक्षा विभाग अशोक कुमार ने बताया कि प्रोफेसरों की भर्ती के लिए यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार प्रोफेसर को अपने रिसर्च का पब्लिकेशन करना, नेशनल और इंटरनेशनल पब्लिकेशन में ही रिसर्च पब्लिश किए जाएं. इसके साथ ही प्रोफेसर की रिसर्च ऐसे माध्यम से पब्लिश हो जिसका लाभ आम जनता भी उठा पाए. इस गाइडलाइन को महत्व देते हुए उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश में प्रोफेसरों की नियुक्त के दौरान उनके पब्लिकेशन को देख रहा है. इसके साथ ही सारे सिनेरियो को भी जांच रहा है.

पढ़ें- अल्मोड़ा: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर पालिका के घोटाले की जांच शुरू, दर्ज हुई FIR

वर्तमान समय में प्रदेश में तमाम विषयों पर रिसर्च चल रहा है, जिसमें किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज मिल सके और उनकी आय को दोगुना किया जा सके. इसी तरह जिओलॉजी, आर्सेनिक एंड वाटर कंटेनमेंट, फॉरेस्ट, एनवायरमेंट, डायवर्सिफिकेशन ऑफ लायबिलिहुड और फसलों को नुकसान से बचाने आदि तमाम विषयों पर भी रिसर्च चल रही है.

देहरादून: उत्तराखंड के तमाम क्षेत्रों में चल रही रिसर्च को बढ़ावा देने और उसे जनता तक पहुंचाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग नई पहल करने जा रहा है. इसके तहत अब प्रदेश में यूजीसी के नियमों के तर्ज पर ही प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी. प्रोफेसरों द्वारा किये गए रिसर्च की पब्लिकेशन को भी देखा जाएगा. ताकि रिसर्च को बढ़ावा दिया जा सके.

भारत सरकार की प्राथमिकता है कि जो भी रिसर्च के प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसमें गति आये. क्योंकि पिछले कई दशकों से रिसर्च के प्रोजेक्ट में जो गति आनी चाहिए थी वो नहीं आई. लिहाजा केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि रिसर्च के प्रोजेक्ट पर ध्यान देकर इसको आगे बढ़ाया जाए. ताकि रिसर्च आम जनता तक पहुंच सके और उसे उसका लाभ मिल सके.

उच्च शिक्षा विभाग ने की नई पहल

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प्रभारी सचिव उच्च शिक्षा विभाग अशोक कुमार ने बताया कि प्रोफेसरों की भर्ती के लिए यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार प्रोफेसर को अपने रिसर्च का पब्लिकेशन करना, नेशनल और इंटरनेशनल पब्लिकेशन में ही रिसर्च पब्लिश किए जाएं. इसके साथ ही प्रोफेसर की रिसर्च ऐसे माध्यम से पब्लिश हो जिसका लाभ आम जनता भी उठा पाए. इस गाइडलाइन को महत्व देते हुए उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश में प्रोफेसरों की नियुक्त के दौरान उनके पब्लिकेशन को देख रहा है. इसके साथ ही सारे सिनेरियो को भी जांच रहा है.

पढ़ें- अल्मोड़ा: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर पालिका के घोटाले की जांच शुरू, दर्ज हुई FIR

वर्तमान समय में प्रदेश में तमाम विषयों पर रिसर्च चल रहा है, जिसमें किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज मिल सके और उनकी आय को दोगुना किया जा सके. इसी तरह जिओलॉजी, आर्सेनिक एंड वाटर कंटेनमेंट, फॉरेस्ट, एनवायरमेंट, डायवर्सिफिकेशन ऑफ लायबिलिहुड और फसलों को नुकसान से बचाने आदि तमाम विषयों पर भी रिसर्च चल रही है.

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उत्तराखंड राज्य के तमाम क्षेत्रो में चल रहे रिसर्च को बढ़ावा देने और रिसर्च को जनता तक पहुंचाने को लेकर अब उच्च शिक्षा विभाग नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत अब प्रदेश में यूजीसी के नियमो के तर्ज पर ही प्रोफेसरो की नियुक्ति की जाएगी। जिसमें प्रोफेसरो द्वारा किये गए रिसर्च की पब्लिकेशन को भी देखा जाएगा। ताकि रिसर्च को बढ़ाया जा सके। 


Body:भारत सरकार की प्राथमिकता है कि जो भी रिसर्च के प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसमें गति आये। क्योंकि पिछले कई दशकों से रिसर्च के प्रोजेक्ट में गति नहीं आ पाई है जो गति आनी चाहिए थी। लिहाजा केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि रिसर्च के प्रोजेक्ट में ध्यान देकर रिसर्च को आगे बढ़ाया जाए। ताकि रिसर्च आम जनता तक पहुँच सके। 


वही प्रभारी सचिव अशोक कुमार ने बताया कि प्रोफेसरों की भर्ती के लिए यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार प्रोफेसर को अपने रिसर्च का पब्लिकेशन करना, नेशनल और इंटरनेशनल पब्लिकेशन में ही रिसर्च पब्लिश किए जाएं, इसके साथ ही प्रोफेसर की रिसर्च ऐसे माध्यम से पब्लिश हो जिसका लाभ आम जनता भी उठा पाए। और इस गाइडलाइन को महत्व देते हैं उच्च शिक्षा विभाग, प्रदेश में प्रोफेसरों की नियुक्त के दौरान प्रोफेसरों के पब्लिकेशन को देख रहा है। इसके साथ ही सारे सिनेरियो को भी जांच रहा हैं।


हालांकि वर्तमान समय में प्रदेश में तमाम विषयों पर रिसर्च चल रहा है जिसमें किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज मिल सके और उनकी आय को दोगुना किया जा सके इसको लेकर रिसर्च किया जा रहा है। इसी तरह जिओलॉजी, आर्सेनिक एंड वाटर कंटेनमेंट, फारेस्ट, एनवायरमेंट, डायवर्सिफिकेशन ऑफ लायबिलिहुड और फसलों को नुकसान से बचाने आदि तमाम विषयों पर भी रिसर्च चल रहा है। 

बाइट - अशोक कुमार, प्रभारी सचिव






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