ऋषिकेश: विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब धाम के कपाट इस साल 11 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे. इस वर्ष अभी तक करीब 2.28 लाख श्रद्धालु दरबार साहिब में मत्था टेक चुके हैं. अभी भी श्रद्धालुओं के हेमकुंड साहिब पहुंचने का सिलसिला जारी है.
श्री हेमकुंड साहिब धाम के कपाट बंद करने के लिए आज गुरुद्वारा ट्रस्ट के सभी ट्रस्टों के बीच एक दिवसीय बैठक हुई. जिसमें प्रशासन से विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि हेमकुंड साहिब धाम के कपाट इस वर्ष 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बंद कर दिए जाएंगे.गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया साल 2023 की हेमकुंड साहिब धाम की यात्रा 20 में को आरंभ हुई. कपाट खुलने के समय से लेकर समय-समय पर भारी बारिश, बर्फबारी और बदलते मौसम के बावजूद अभी तक 2.28 लाख श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब में मत्था टेका है. यात्रा अभी भी जारी है. नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया जुलाई और अगस्त में यात्रा काफी धीमी रही. बदलते मौसम का यात्रा पर असर पड़ा. उन्होंने बताया अभी भी श्रद्धालु दरबार साहिब पहुंच रहे हैं.
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नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया इस समय कई प्रजाति के फूल हेमकुंड साहिब धाम की घाटी की शोभा बढ़ा रहे हैं. फूलों की घाटी में पाए जाने वाले फूल इस समय अपनी मनमोहक छठा बिखेर रहे हैं. जिनको देखने के लिए भी पर्यटक हेमकुंड साहिब धाम की ओर पहुंचते हैं.
कैसे पहुंचे हेमकुंड साहिब: हेमकुंड साहिब चमोली जिले में स्थित है. यह करीब 4632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. हेमकुंड साहिब पहुंचने के लिए पैदल यात्रा गोविंदघाट से यात्रा शुरू होती है. उससे पहले गढ़वाल के द्वार ऋषिकेश से यहां तक बस से पहुंचा जाता है. ऋषिकेश रेल, हवाई और सड़क तीनों मार्ग से जुड़ा हुआ है. ऋषिकेश से गोविंदघाट की दूरी करीब 250 किमी है. ऋषिकेश से बस, टैक्सी और निजी गाड़ी से आसानी से गोविंदघाट पहुंचा जा सकता है. ऋषिकेश से गोविंदघाट पहुंचने में आपको 7 से 8 घंटे लगते हैं.