ऋषिकेश: उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. गंभीर रूप से बीमार और दुर्घटनों ने घायल लोगों के लिए अब एम्स ऋषिकेश की ओर से हेली एंबुलेंस सेवा (Heli Ambulance Service in AIIMS Rishikesh) शुरू होने जा रही है. यह सुविधा फरवरी माह के अंत तक शुरू हो जायेगी.
पहाड़ों में गर्भवती महिलाओं, हार्ट के मरीजों और दुर्घटना में घायल हुए लोगों को अब चंद मिनटों में स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी. ऋषिकेश एम्स में हेली एंबुलेंस की सेवा शुरू होने जा रही है. इसको लेकर बाकायदा सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एम्स ऋषिकेश को दो एंबुलेंस मंत्रालय द्वारा दी जा रही हैं. यह हेली एंबुलेंस 24 घंटे एम्स परिसर में ही रहेंगी.
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एम्स निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह (AIIMS Executive Director Professor Meenu Singh) ने बताया उत्तराखंड के किसी भी कोने में अगर कोई गंभीर बीमार या दुर्घटनाग्रस्त होता होती है तो उसे आधे घंटे के भीतर हेली एंबुलेंस के माध्यम से एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा. जिसके बाद मरीज को सही समय पर उपचार भी दिया जा सकेगा. उन्होंने कहा हेली एंबुलेंस सेवा पहाड़ों के लिए वरदान साबित होगी. उन्होंने बताया फरवरी से यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी.
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ड्रोन सेवा के जरिये पहुंचाई जाएंगी दवाएं: उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में कई किस्म की बीमारियों से ग्रसित मरीजों को टेलीमेडिसन के जरिए एम्स के एक्सपर्ट सलाह तो दे पा रहे हैं, लेकिन मरीज तक दवा पहुंचाना संस्थान के लिए चुनौती बना हुआ है. लिहाजा, अब एम्स प्रशासन ने इसका भी हल ढूंढ़ निकाला है. संस्थान जल्द ड्रोन सेवा (Preparing to deliver medicines through drone) के जरिए दुर्गम क्षेत्रों में अब मरीजों तक दवा पहुंचाएगा. कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह (AIIMS Executive Director Professor Meenu Singh) ने बताया नेशनल हेल्थ ऑथरिटी से भी इस बाबत समन्वय स्थापित किया जा रहा है.
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प्रोफेसर मीनू (AIIMS Executive Director Professor Meenu Singh) ने बताया नॉर्थ ईस्ट में ड्रोन के जरिए दवा पहुंचाने की योजना कारगर साबित हुई है. ऐसे में फिलहाल राज्य में ड्रोन सेवा शुरू करने से पहले जिओ मैपिंग की जा रही है. जिसके बाद संबंधित मरीज की लोकेशन को सेट कर यह सेवा (Drone service in the state in Uttarakhand) प्रारंभ की जाएगी.