देहरादून: उत्तराखंड में हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त है. आलम ये है कि कई क्षेत्रों में नदी- नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है और पहाड़ियां दरकने से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ सैलानियों को आवागमन में परेशानी हो रही है. हालांकि स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन से लेकर आपदा प्रबंधन पूरी कोशिश कर रहा है और लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है. वहीं, जिन जिलों में तेज बारिश की आशंका जताई गई है, वहां पर पुलिस बल को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
SSP और SP को मौजूदा हालातों पर नजर रखने के निर्देश: पुलिस मुख्यालय ने भी सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को मौजूदा हालातों पर नजर रखने के लिए कहा है. खास तौर पर नदियों में जलस्तर बढ़ने के बाद पैदा हुए खतरे से निपटने के लिए भी लगातार स्थानीय लोगों और संबंधित अधिकारियों से समन्वय बनाए रखने की बात कही गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में अधिकारियों को हर स्तर पर तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमों के साथ ही जिला प्रशासन सभी स्थितियों पर नजर बनाए हुए है, लेकिन पुलिस विभाग भी भारी बारिश के हालातों में लोगों की मदद करने और हर तरह की स्थिति में तैयार रहने के लिए सजग दिखाई दे रही है.
48 घंटों में तेज बारिश की आशंका: उत्तराखंड मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों में लगातार कई जगह तेज बारिश की आशंका व्यक्त की है. जिसके कारण पहले से ही सामान्य से ऊपर चल रहा नदियों का जलस्तर खतरे की स्थिति में आ सकता है. इस स्थिति में पुलिस मुख्यालय में राज्य भर के पुलों के हालातों और यहां पर चल रही यातायात को पुल की स्थिति के लिहाज से सुचारू रखने के लिए निर्देशित किया गया है. हरिद्वार में नदी के जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को जागरूक करने और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें हटाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध: NH 58 ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग ब्यासी अटाली गंगा में पहाड़ी से बोल्डर आने के कारण अवरुद्ध हो गया है. जिसे बहाल करने के लिए संबंधित विभाग लगा हुआ है. श्रीनगर रुद्रप्रयाग के बीच सिरोबगड़ में लगातार पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं, जिसके चलते यहां पर भी यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. इन दोनों जगहों पर बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं. वहीं, कीर्तिनगर तहसील के मलेथा गांव में लगातार हो रही बारिश से दो मंजिला भवन की छत गिर गई है. बीते रोज छत का कुछ हिस्सा गिरा था, लेकिन आज छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई.
उत्तरकाशी में विद्युत परियोजनाओं पर असर: उत्तरकाशी में दो दिन से लगातार हो रही बारिश का असर भागीरथी नदी पर बनी जल विद्युत परियोजनाओं पर पड़ रहा है. बारिश के दौरान नदी में सिल्ट आने के कारण बीते रविवार से सोमवार दोपहर तक मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना पहले में 16 घंटे उत्पादन बंद रहा, जबकि मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना द्वितीय में करीब 12 घंटे उत्पादन बंद रहा. मानसून के सीजन में नदियों में आने वाले गाद का असर जल विद्युत परियोजनाओं के उत्पादन भी पड़ता है. बता दें कि मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना प्रथम 90 मेगावाट बिजली उत्पादन करती है, जबकि मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना द्वितीय 304 मेगावाट बिजली उत्पादन करती है.
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बिजली उत्पादन में कमी: यूजेवीएनएल के जनसंपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया कि मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना प्रथम में प्रतिदिन करीब 1.631 मिलियन यूनिट उत्पादन होता है, जो कि बीते रविवार को करीब 1.048 मिलियन यूनिट हो पाया है. जिसमें 0.583 मिलियन यूनिट के उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है. उन्होंने बताया कि द्वितीय परियोजना में प्रतिदिन करीब 6.950 मिलियन यूनिट उत्पादन होता है. रविवार को मात्र 4.099 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ. जिससे 2.851 मिलियन यूनिट उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है.
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