श्रीनगर/ऋषिकेश: उत्तराखंड में भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. वहीं ऋषिकेश के शिवपुरी के बडल गांव में भारी बारिश के चलते करीब 40 साल बाद बरसाती नाला उफान पर आ गया. जिसकी चपेट में आने से एक कैंप भी बह गया. इस दौरान कैंप में मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.आनन-फानन में जान बचाने के लिए भागा एक कर्मचारी बरसाती नाले में बह गया. जिसका शव कैंप कर्मचारियों ने सुबह तलाश लिया. पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है. वहीं भारी बारिश से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग तोता घाटी के समीप भी बाधित हो गया है. भारी बारिश से हाईवे का आधा हिस्सा ढह गया है.वहीं यातायात बाधित होने से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है.
मौसम विभाग की सटीक चेतावनी के मुताबिक लगातार पहाड़ों में मूसलाधार बारिश हो रही है. यह मूसलाधार बारिश कई लोगों की जान पर भारी पड़ती हुई दिखाई दे रही है. पहाड़ों में जनजीवन पूरी तरीके से अस्त-व्यस्त हो गया है. इसी कड़ी में ऋषिकेश मुनी की रेती थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवपुरी के बडल गांव स्थित रामपाल सिंह भंडारी का कैंप ब्लू हेवन अचानक बरसाती नाले में आए भारी पानी के साथ बह गया. इस दौरान कैंप में मौजूद कर्मचारियों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई. लेकिन गौतम सिंह भंडारी नाम का कर्मचारी बरसाती नाले की चपेट में आने से पानी के साथ बह गया.बहाव इतना अधिक था कि रात के समय एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन चलाया, मगर कर्मचारी का कुछ पता नहीं चला. सुबह कुछ दूरी पर गौतम सिंह भंडारी का शव बरामद हुआ है.
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कैंप संचालक रामपाल सिंह भंडारी ने बताया कि कभी भी इस बरसाती नाले में ऐसा पानी का बहाव देखने को नहीं मिला है. ऐसा महसूस होता है कि पहाड़ में कहीं बादल फटा है जिससे बरसाती नाले में ऐसा सैलाब आया है. कैंप बहने से करीब 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ है और एक कर्मचारी की मौत हो गई है. रामपाल सिंह भंडारी ने प्रशासन से आपदा के तहत हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है.
टिहरी में भी भारी बारिश: ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कौड़ियाला के पास बंद होने से कई यात्री फंस गए हैं. साथ ही करीब 25 वाहन चालक सड़क खुलने की इंतजार कर रहे हैं. वहीं जिसको देखते हुऐ जब तक सड़क नही जिला प्रशासन के द्वारा यात्रा रूट डायवर्ट कर दिया गया है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने तत्काल कीर्तिनगर उपजिलाधिकारी और पुलिस को मार्ग पर फंसे यात्रियों से संपर्क कर मदद करने के निर्देश दिए हैं.