ऋषिकेश: प्रदेशभर में कड़ाके की ठंड दस्तक दे चुकी है. तीर्थनगरी में भी कड़ाके की ठंड से सभी के हाल बेहाल हैं. खासकर दिल के मरीजों और बच्चों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय में ह्रदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए चिकित्सकों ने सभी ह्रदय रोगियों को बचाव की सलाह दी है.
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण ऋषिकेश का मौसम भी काफी सर्द हो गया है. इससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. खासकर हृदय रोगियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं. राजकीय चिकित्सालय में ह्रदय रोगी, ब्लड प्रेशर और सांस की तकलीफ के मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है. यही कारण है कि चिकित्सालय में इस तरह के मरीजों की लंबी लाइन लगी है. रोगियों की शिकायत है कि सर्दी शुरू होते ही दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं, क्योंकि ठंड के कारण सीने में दर्द बढ़ जाता है और सांस लेने में भी परेशानी होती है.
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राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सक विजयेश भारद्वाज का कहना है कि ठंड में हृदय रोगियों को मॉर्निंग वॉक घातक हो सकता है, क्योंकि ठंड से ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं. जिस कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. सर्दी से बचाव के लिए दवाइयां सही समय पर लेना जरूरी है. इसके अलावा हृ्दय रोगियों को नमक कम खाना चाहिए.