देहरादून: स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand Health Department) के अंतर्गत लंबे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न श्रेणी के पदों को भरे जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी. इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशालय (Uttarakhand Directorate General of Health) के अधिकारियों से एक माह के भीतर रिक्त पदों का पूरा विवरण तैयार कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया. इसके साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय हेतु स्वीकृत बजट तथा नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के कार्यों की धीमी प्रगति पर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है. आईएमए के पदाधिकारियों की मांग पर क्लीनिकल एसब्लिशमेंट एक्ट में छूट संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाने का निर्णय लिया गया.
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Minister of Medical Health and Medical Education) डॉ. धन सिंह रावत ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली. जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त विभिन्न श्रेणी के पदों को न भरे जाने पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने अधिकारियों को एक माह के भीतर रिक्त पदों का ब्यौरा तैयार कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि आईपीएचएस मानकों के तहत सभी राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सक, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, तकनीकी स्टाफ सहित वार्ड ब्वॉय के पदों को भरा जाना अति आवश्यक है.
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उन्होंने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की, विशेषकर इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के तीन शहरी जनपदों देहरादून, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में शहरी गरीब जनसंख्या के लिये 115 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाये जाने हैं, जिनका निर्माण शहरी विकास विभाग के द्वारा कराया जाना है. स्वास्थ्य महानिदेशालय को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु स्वीकृत बजट खर्च की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी मदों में बजट को समय पर खर्च करना सुनिश्चित करें. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड इकाई ने राज्य सरकार से छोटे अस्पतालों को क्लीनिकल एसब्लिशमेंट एक्ट के कुछ प्रावधानों में छूट देने की मांग की है.
जिसके लिये शीघ्र ही छूट संबंधी प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जायेगा. बैठक में विभागीय मंत्री ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत धीमी प्रगति वाले चार जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये.
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हरिद्वार में की अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहना: हरिद्वारा जनपद के रुड़की उप जिला अस्पताल को गुणवत्ता पूर्ण कार्यों एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) एवं लक्ष्य पुरस्कार द्वारा नवाजा गया. जिस पर विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जनपद हरिद्वार के उप-जिला चिकित्सालय (एसडीएच), रुड़की को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन.क्यू.ए.एस.) व लेबर रूम गुणवत्ता सुधार पहल (लक्ष्य सर्टिफिकेशन) पुरस्कार से नवाजे जाने पर खुशी जाहिर की.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 हेतु एसडीएच रूड़की को यह पुरस्कार 7 अलग-अलग प्रभागों सामान्य प्रशासन, लेबर रूम, मैटरनिटी ओटी, जनरल ओटी, ब्लड बैंक, मैटरनिटी वार्ड व प्रयोगशाला में गुणवत्ता पूर्ण कार्य के लिए प्रदान किया गया. उन्होंने बताया कि सर्वे टीम द्वारा माह अगस्त में उप-जिला चिकित्सालय, रुड़की का निरीक्षण किया और अस्पताल में मानकों के अनुरूप सभी चिकित्सकीय व्यवस्थाएं पाई. डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 5 चिकित्सा इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक व 14 चिकित्सा इकाइयों को लेबर रूम गुणवत्ता सुधार पहल (लक्ष्य सर्टिफिकेशन) प्रमाणपत्र मिल चुका है. जबकि एनक्यूएएस के लिए 08 चिकित्सा इकाइयों व लक्ष्य सर्टिफिकेशन के लिए 12 चिकित्सा इकाइयों को सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया गतिमान है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है.