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प्रदेश में हेल्थ आईडी के लिए आयोजित होंगे सेमिनार, अब तक 26 लाख डिजिटल हेल्थ कार्ड तैयार

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में मिशन स्टेरिंग ग्रुप (एमएसजी) की पहली बैठक हुई. जिसमें उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) ने भी प्रतिभाग किया.

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Published : Sep 1, 2022, 8:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने, केन्द्रीय वित्त पोषित स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आमजन को उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत राज्य में डिजिटल हेल्थ केयर इकोसिस्टम को मजबूत किया जा रहा है, जिसके तहत राज्य में अब तक 26 लाख से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा चुकी है. राज्य में एकीकृत डिजिटल हेल्थ सिस्टम विकसित करने के लिये ग्रास रूट पर काम किया जा रहा है.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में मिशन स्टेरिंग ग्रुप (एमएसजी) की पहली बैठक में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उपरोक्त तथ्य रखें. मीडिया को जारी एक बयान में Health Minister Dhan Singh Rawat ने बताया कि मिशन स्टेरिंग ग्रुप में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को लेकर विस्तृत चर्चा की गई.
पढ़ें- NIT Uttarakhand के होंगे दो कैंपस, एक सुमाड़ी तो दूसरा श्रीनगर में होगा

उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया को फोकस में रखते हुये जन-धन खातों की तर्ज पर Ayushman Bharat Digital Mission के तहत देशभर में प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाये जा रहे हैं. ताकि प्रत्येक व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री को संरक्षित रखा जा सके और भविष्य में जरूरत पड़ने पर या फिर बीमार होने पर चिकित्सक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मेडिकल हिस्ट्री देखकर संबंधित व्यक्ति का सही उपचार कर सके.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में अब तक 26 लाख से अधिक लोगों ने अपनी डिजिटल हेल्थ आईडी (digital health id) बना ली है, जिसमें 1032 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एचपीआर) एवं 168 हेल्थ फैसिलिटी पंजीकरण (एचएफआर) भी शामिल है. एमएसजी बैठक में Health Minister Dhan Singh Rawat ने प्रत्येक जनपद में सेमिनार आयोजित कर निःशुल्क digital health id बनाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सहित अन्य सदस्यों ने भी सहमति जताई.
पढ़ें- CM धामी की घोषणा से फिर गरमाया नए जिलों का मुद्दा, कब शुरू हुआ मामला, जानिए सबकुछ

उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के लिये अब जनपद स्तर पर सेमिनार आयोजित कर आम लोगों को डिजिटल हेल्थ आई बनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा. आशाओं एवं अन्य हेल्थ वर्करों के सहयोग से शत-प्रतिशत लोगों की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाई जायेगी.

इससे पहले आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उत्तराखंड, हिमाचल एवं हरियाणा राज्य की प्रगति को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई. जिसमें आयुष्मान योजना का लाभ पहुंचाने एवं सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाने को लेकर विस्तारपूर्वक विचार-विमार्श किया गया. उन्होंने बताया कि सूबे में अब तक करीब 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं और योजना के अंतर्गत 5.50 लाख से अधिक लोगों का उपचार भी किया जा चुका है.

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने, केन्द्रीय वित्त पोषित स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आमजन को उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत राज्य में डिजिटल हेल्थ केयर इकोसिस्टम को मजबूत किया जा रहा है, जिसके तहत राज्य में अब तक 26 लाख से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा चुकी है. राज्य में एकीकृत डिजिटल हेल्थ सिस्टम विकसित करने के लिये ग्रास रूट पर काम किया जा रहा है.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में मिशन स्टेरिंग ग्रुप (एमएसजी) की पहली बैठक में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उपरोक्त तथ्य रखें. मीडिया को जारी एक बयान में Health Minister Dhan Singh Rawat ने बताया कि मिशन स्टेरिंग ग्रुप में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को लेकर विस्तृत चर्चा की गई.
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उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया को फोकस में रखते हुये जन-धन खातों की तर्ज पर Ayushman Bharat Digital Mission के तहत देशभर में प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाये जा रहे हैं. ताकि प्रत्येक व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री को संरक्षित रखा जा सके और भविष्य में जरूरत पड़ने पर या फिर बीमार होने पर चिकित्सक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मेडिकल हिस्ट्री देखकर संबंधित व्यक्ति का सही उपचार कर सके.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में अब तक 26 लाख से अधिक लोगों ने अपनी डिजिटल हेल्थ आईडी (digital health id) बना ली है, जिसमें 1032 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एचपीआर) एवं 168 हेल्थ फैसिलिटी पंजीकरण (एचएफआर) भी शामिल है. एमएसजी बैठक में Health Minister Dhan Singh Rawat ने प्रत्येक जनपद में सेमिनार आयोजित कर निःशुल्क digital health id बनाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सहित अन्य सदस्यों ने भी सहमति जताई.
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उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के लिये अब जनपद स्तर पर सेमिनार आयोजित कर आम लोगों को डिजिटल हेल्थ आई बनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा. आशाओं एवं अन्य हेल्थ वर्करों के सहयोग से शत-प्रतिशत लोगों की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाई जायेगी.

इससे पहले आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उत्तराखंड, हिमाचल एवं हरियाणा राज्य की प्रगति को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई. जिसमें आयुष्मान योजना का लाभ पहुंचाने एवं सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाने को लेकर विस्तारपूर्वक विचार-विमार्श किया गया. उन्होंने बताया कि सूबे में अब तक करीब 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं और योजना के अंतर्गत 5.50 लाख से अधिक लोगों का उपचार भी किया जा चुका है.

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