देहरादून: 7 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. ऐसे में शासन स्तर पर लगातार तैयारियां की जा रही हैं. हालांकि चारधाम यात्रा से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं को व्यवस्थित कर लिया गया है. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने अपने व्यवस्थाओं को जमीनी स्तर पर उतरना भी शुरू कर दिया है.
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इस बार चारधाम यात्रा के दौरान 54 जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर, 30 स्पेशलिस्ट कैडर के डॉक्टर और फार्मासिस्टों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्याओं से जूझना न पड़े. इन सभी डॉक्टरों की 15-15 दिन के अंतराल पर सीएमओ के अंडर में ड्यूटी लागई जाएगी. इसके साथ ही जनरल मेडिकल ऑफिसरों की ड्यूटी 1 महीने के अंतराल पर लगाई जाएगी. सभी मेडिकल स्टाफ की देहरादून, हरिद्वार और कुमाऊं रीजन से ड्यूटी लगाई जाएगी.
सीएमओ की होगी अहम भूमिका
चारधाम यात्रा में सीएमओ की अहम भूमिका रहेगी. यही कारण है कि विभाग की तरफ से सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि जिन डॉक्टरों की ड्यूटी चारधाम यात्रा में लगी है उन्हें समय से रिलीव किया जा जाए. ताकि वे समय से अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर सकें. इसमें उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली के सीएमओ की जिम्मेदारी तय की गई है. जिसके अंडर सभी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी.
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पैदल मार्ग पर बनाया गया मेडिकल रिलीफ कैंप
केदारनाथ धाम के 18 किमी लंबे पैदल मार्ग पर पहाड़ी चढ़ाई को देखते हुए रुद्रप्रयाग सीएमओ ने हर 2 किमी पर मेडिकल रिलीफ कैंप लगाया है. अगर यात्रियों को चढ़ाई के दौरान कोई भी दिक्कत होती है तो वो मेडिकल रिलीफ कैंप से जरूरी परामर्श और दवाई ले सकते हैं. इसके अलावा केदारनाथ धाम में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी कराई गयी है. साथ ही सीएमओ को यदि लोकल स्तर पर जीवन रक्षक औषधि, इंजेक्शन या अन्य दवाएं चाहिए तो उसके लिए 50 हजार का बजट स्वीकृत किया गया है.
श्रद्धालुओं के लिए गाइड लाइन
चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को स्वास्थ्य से संबंधित किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है. जिसमें यात्रा के दौरान यात्रियों को किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए इसके बारे में बताया जाएगा.
विभाग चारधाम यात्रा को बेहरतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा तो कर रहा है, लेकिन हमेशा पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की कमी का रोना रोने वाला स्वास्थ्य विभाग क्या वास्तव में चारधाम यात्रियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा पाएगा?