देहरादून: बीते 12 दिनों से अपनी मांगों को लेकर बगैर अन्न ग्रहण किए ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ने लगी है, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिसको देखते हुए कर्मचारियों ने आंदोलन की रणनीति बदलने का फैसला लिया है.
राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े चतुर्थ श्रेणी कर्मी बीते 12 दिनों से अनशन पर होते हुए भी ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कहना है कि उनका यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदेश उपाध्यक्ष नेल्सन अरोड़ा का कहना है कि आगामी 16 तारीख को सभी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति बदलने जा रहे हैं. इस संबंध में उनकी बैठक जल्द होने जा रही है. कोरोना महामारी में अग्रिम पंक्ति में कार्य करने के बावजूद हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
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उन्होंने कहा कि बिना अन्न ग्रहण के ड्यूटी पर आ रहे अधिकतर कर्मचारियों का स्वास्थ्य खराब होने लगा है, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं कर रही है. कर्मचारी का कहना है कि नर्सेज की भांति पौष्टिक आहार भत्ता, उद्यान विभाग की भांति टेक्निकल करते हुए 4200 रुपए ग्रेड पे, एक माह का मानदेय, जोखिम भत्ता 10 लाख रुपए दिए जाने जैसी न्यायोचित मांगों को लेकर उनका बिना अन्न ग्रहण किए ड्यूटी पर आना आगे भी जारी रहेगा. धरना, रैलियों और क्रमिक अनशन के माध्यम से आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.